RBSE Senior Secondary Public Administration Question Paper 2024 with Answers | Rajasthan Board
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा 2024
लोक प्रशासन (Public Administration)
यह लेख राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा वर्ष 2024 में आयोजित वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा के लोक प्रशासन विषय (प्रश्न पत्र कोड SS-06) से संबंधित है।
Public Administration
SS-06
RBSE वरिष्ठ माध्यमिक 2024
SS-06
80 (लिखित परीक्षा)
20 अंक
100 अंक
22
3 घंटे 15 मिनट
वैकल्पिक (Optional)
भारतीय प्रशासन, प्रबंधन सिद्धांत, नौकरशाही, विकास प्रशासन
लोक प्रशासन (Public Administration) राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा 2024 का एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक विषय है। यह विषय सरकार के कार्यकरण, प्रशासनिक व्यवस्था, प्रबंधन के सिद्धांत और भारतीय प्रशासनिक प्रणाली का अध्ययन कराता है। लोक प्रशासन विषय उन विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो सिविल सेवा, प्रशासनिक सेवाओं और सार्वजनिक क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं।
वर्ष 2024 के प्रश्न पत्र (SS-06) में कुल 22 प्रश्न थे जो चार खंडों में विभाजित थे। प्रश्न पत्र में विभिन्न प्रबंधन विचारकों के सिद्धांत, भारतीय प्रशासनिक संस्थाएं, योजना आयोग और नीति आयोग, बजट प्रणाली, लोक सेवा आयोग, प्रशिक्षण, भ्रष्टाचार निवारण और विकास प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल थे।
- 1 परिचय और विषय का महत्व
- 2 प्रश्न पत्र की संरचना
- 3 खंड अ - बहुविकल्पीय प्रश्न
- 4 खंड ब - लघु उत्तरीय प्रश्न
- 5 खंड स - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
- 6 खंड द - निबंधात्मक प्रश्न
- 7 महत्वपूर्ण विषय और अवधारणाएं
- 8 प्रमुख विद्वान और उनके योगदान
- 9 भारतीय प्रशासनिक संस्थाएं
- 10 परीक्षा तैयारी रणनीति
- 11 करियर संभावनाएं
- 12 संदर्भ
- 13 बाहरी कड़ियाँ
परिचय और विषय का महत्व
लोक प्रशासन (Public Administration) एक सामाजिक विज्ञान है जो सरकार की कार्यकारी शाखा के संगठन और प्रबंधन का अध्ययन करता है। यह विषय सार्वजनिक नीतियों के क्रियान्वयन, सरकारी कार्यक्रमों के प्रबंधन और लोक सेवकों के कार्यों का विश्लेषण करता है। लोक प्रशासन का मुख्य उद्देश्य सरकारी तंत्र को अधिक कुशल, प्रभावी और जनता के प्रति उत्तरदायी बनाना है।
विषय का ऐतिहासिक विकास
लोक प्रशासन का औपचारिक अध्ययन 19वीं शताब्दी के अंत में शुरू हुआ। 1887 में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने अपने प्रसिद्ध लेख "The Study of Administration" में लोक प्रशासन को एक अलग विषय के रूप में स्थापित किया। उन्होंने राजनीति और प्रशासन को अलग करने की वकालत की। भारत में लोक प्रशासन का औपचारिक अध्ययन स्वतंत्रता के बाद शुरू हुआ। 1954 में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA) की स्थापना ने इस विषय को गति प्रदान की।
विषय का महत्व
- सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी: लोक प्रशासन UPSC सिविल सेवा परीक्षा का एक वैकल्पिक विषय है। यह विषय IAS, IPS और अन्य प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी में अत्यंत सहायक है।
- प्रशासनिक ज्ञान: यह विषय सरकार के कार्यकरण, नीति निर्माण और कार्यान्वयन की गहन समझ प्रदान करता है।
- व्यावहारिक उपयोगिता: लोक प्रशासन का ज्ञान किसी भी संगठन - सरकारी या निजी - के प्रबंधन में उपयोगी है।
- सामाजिक जागरूकता: यह विषय नागरिकों को उनके अधिकारों, सरकारी योजनाओं और प्रशासनिक प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक बनाता है।
- अनुसंधान का क्षेत्र: लोक प्रशासन में शोध के अनेक अवसर हैं - शासन, विकास प्रशासन, ई-गवर्नेंस आदि।
प्रश्न पत्र की संरचना
RBSE 2024 के लोक प्रशासन प्रश्न पत्र (SS-06) की संरचना निम्नानुसार थी:
खंड | प्रश्न प्रकार | प्रश्नों की संख्या | प्रति प्रश्न अंक | कुल अंक | उत्तर की लंबाई |
---|---|---|---|---|---|
खंड अ (Section A) | बहुविकल्पीय (MCQ) + रिक्त स्थान + अति लघु उत्तरीय | 15 MCQ + 7 रिक्त स्थान + 10 अति लघु | 1 अंक | 32 अंक | एक शब्द/एक पंक्ति |
खंड ब (Section B) | लघु उत्तरीय | 12 प्रश्न | 2 अंक | 24 अंक | अधिकतम 40 शब्द |
खंड स (Section C) | दीर्घ उत्तरीय (विकल्प सहित) | 4 प्रश्न (प्रत्येक में विकल्प) | 3 अंक | 12 अंक | 60-80 शब्द |
खंड द (Section D) | निबंधात्मक (विकल्प सहित) | 3 प्रश्न (प्रत्येक में विकल्प) | 4 अंक | 12 अंक | 100-150 शब्द |
कुल योग (लिखित परीक्षा) | 80 अंक | ||||
आंतरिक मूल्यांकन | 20 अंक | ||||
कुल योग | 100 अंक |
परीक्षा की सामान्य विशेषताएं
- समय: 3 घंटे 15 मिनट (जिसमें 15 मिनट प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए)
- प्रश्नों की प्रकृति: सभी प्रश्न अनिवार्य थे
- विकल्प: खंड स और खंड द में आंतरिक विकल्प दिए गए
- भाषा: प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में था
- नकारात्मक अंकन: कोई नकारात्मक अंकन नहीं
खंड अ - बहुविकल्पीय और अति लघु उत्तरीय प्रश्न (32 अंक)
खंड अ में तीन प्रकार के प्रश्न थे - बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ), रिक्त स्थान पूर्ति और अति लघु उत्तरीय प्रश्न। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का था।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) - 15 अंक
2024 परीक्षा में पूछे गए महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA) की स्थापना किस वर्ष हुई?
(A) 1935 (B) 1945 (C) 1953 (D) 1954 ✓
व्याख्या: भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (Indian Institute of Public Administration - IIPA) की स्थापना 1954 में नई दिल्ली में की गई थी। यह भारत में लोक प्रशासन के अध्ययन, अनुसंधान और प्रशिक्षण का प्रमुख संस्थान है। इसकी स्थापना का उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को आधुनिक बनाना और लोक प्रशासन में शोध को बढ़ावा देना था।
2. "Federalist Papers" के लेखक कौन हैं?
(A) W.F. Willoughby (B) F.W. Taylor (C) Newman (D) Hamilton ✓
व्याख्या: "Federalist Papers" अमेरिकी संविधान के समर्थन में लिखे गए 85 निबंधों की श्रृंखला है, जिन्हें Alexander Hamilton, James Madison और John Jay ने 1787-1788 में लिखा था। Hamilton इनके प्रमुख लेखक थे और उन्होंने सबसे अधिक निबंध (51) लिखे। ये निबंध संघीय व्यवस्था और शक्तियों के पृथक्करण को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
3. "General and Industrial Management" पुस्तक के लेखक कौन हैं?
(A) F.W. Taylor (B) L. Urwick (C) Henry Fayol ✓ (D) Luther Gulick
व्याख्या: Henri Fayol (हेनरी फेयोल) फ्रांसीसी खनन इंजीनियर और प्रबंधन विचारक थे। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक "Administration Industrielle et Générale" (General and Industrial Management) 1916 में प्रकाशित हुई। इसमें उन्होंने प्रबंधन के 14 सिद्धांत और 5 कार्य (Planning, Organizing, Commanding, Coordinating, Controlling) प्रस्तुत किए।
4. "Administrative Behaviour" पुस्तक किस वर्ष प्रकाशित हुई?
(A) 1941 (B) 1947 ✓ (C) 1948 (D) 1950
व्याख्या: Herbert A. Simon की प्रसिद्ध पुस्तक "Administrative Behaviour: A Study of Decision-Making Processes in Administrative Organization" 1947 में प्रकाशित हुई। इस पुस्तक में उन्होंने निर्णय निर्माण की प्रक्रिया और "Bounded Rationality" (सीमित तार्किकता) की अवधारणा प्रस्तुत की। इस कार्य के लिए उन्हें 1978 में नोबेल पुरस्कार मिला।
5. Fred Riggs के अनुसार तुलनात्मक लोक प्रशासन की कितनी प्रवृत्तियां हैं?
(A) एक (B) दो (C) तीन ✓ (D) चार
व्याख्या: Fred Riggs ने तुलनात्मक लोक प्रशासन में तीन प्रवृत्तियां बताईं: (1) Normative (मानदंडात्मक) - आदर्श मॉडल की खोज, (2) Ideographic (वैयक्तिक) - विशिष्ट मामलों का अध्ययन, और (3) Nomothetic (सामान्य नियम) - सामान्य सिद्धांतों की खोज। Riggs ने "Prismatic Society" की अवधारणा भी दी जो परंपरागत और आधुनिक समाज के बीच संक्रमण को दर्शाती है।
6. कौटिल्य के षाड्गुण सिद्धांत में निम्न में से क्या शामिल नहीं है?
(A) संधि (B) विग्रह (C) यान ✓ (D) दंड
व्याख्या: कौटिल्य के अर्थशास्त्र में षाड्गुण सिद्धांत (छह उपाय) बताए गए हैं: (1) संधि (समझौता), (2) विग्रह (युद्ध), (3) आसन (तटस्थता), (4) यान (आक्रमण की तैयारी), (5) संश्रय (संधि करना), और (6) द्वैधीभाव (दोहरी नीति)। प्रश्न में "यान" को गलत विकल्प के रूप में दिया गया है, जो वास्तव में षाड्गुण का हिस्सा है। सही उत्तर "दंड" होना चाहिए था जो षाड्गुण में नहीं है बल्कि सप्तांग सिद्धांत का हिस्सा है।
7. राजस्थान में योजना मंडल की स्थापना कब हुई?
(A) 15 मार्च, 1950 ✓ (B) 6 अगस्त, 1952 (C) 15 जुलाई, 1953 (D) 6 फरवरी, 1973
व्याख्या: राजस्थान में योजना मंडल (Planning Board) की स्थापना 15 मार्च 1950 को हुई थी। यह राज्य स्तर पर योजना निर्माण और विकास कार्यक्रमों के समन्वय के लिए स्थापित किया गया था।
8. "Budget" शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किस वर्ष किया गया?
(A) 1768 ✓ (B) 1733 (C) 1947 (D) 1980
व्याख्या: "Budget" शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द "bougette" (एक छोटा चमड़े का थैला) से हुई है। इंग्लैंड में 1768 में Chancellor of Exchequer ने पहली बार संसद में वित्तीय प्रस्ताव रखते समय इस शब्द का प्रयोग किया। तब से यह शब्द सरकार के वार्षिक वित्तीय विवरण के लिए प्रचलित हो गया।
9. भारत में बजट सर्वप्रथम कब प्रस्तुत किया गया?
(A) 1860 ✓ (B) 1870 (C) 1890 (D) 1900
व्याख्या: भारत में पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश वित्त मंत्री James Wilson द्वारा प्रस्तुत किया गया था। स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को वित्त मंत्री R.K. Shanmukham Chetty ने प्रस्तुत किया।
10. निम्न में से कौन सा प्रशिक्षण "प्रवेशोत्तर प्रशिक्षण" का उदाहरण है?
(A) आधारभूत प्रशिक्षण (B) व्यावसायिक प्रशिक्षण (C) सेवाकालीन प्रशिक्षण ✓ (D) आरंभिक प्रशिक्षण
व्याख्या: प्रवेशोत्तर प्रशिक्षण (Post Entry Training) वह प्रशिक्षण है जो कर्मचारी की सेवा में भर्ती के बाद दिया जाता है। सेवाकालीन प्रशिक्षण (In-service Training) इसका सबसे अच्छा उदाहरण है, जिसमें कर्मचारियों को उनके कौशल सुधार और पदोन्नति के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
11. संघ लोक सेवा आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन किसको प्रस्तुत करता है?
(A) राष्ट्रपति को ✓ (B) प्रधानमंत्री को (C) संसद को (D) भारत के मुख्य न्यायाधीश को
व्याख्या: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 323 के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अपना वार्षिक प्रतिवेदन राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है। राष्ट्रपति इस प्रतिवेदन को संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखवाते हैं।
12. निम्न में से कौन सा आयोग "मंत्री-लोक सेवक संबंधों से" संबंधित है?
(A) छागला आयोग (B) होता समिति (C) सतीश चंद्र आयोग ✓ (D) ली आयोग
व्याख्या: सतीश चंद्र समिति (1972) ने मंत्रियों और सिविल सेवकों के बीच संबंधों की जांच की और सिफारिश की कि प्रशासनिक निर्णयों में राजनीतिक हस्तक्षेप कम होना चाहिए।
13. सामान्यज्ञ-विशेषज्ञ संबंध में विवाद का मुख्य कारण सामान्यज्ञों की किस प्रधानता से है?
(A) पद में (B) वेतन में (C) नीति निर्माण में ✓ (D) उपर्युक्त सभी
व्याख्या: भारतीय प्रशासन में IAS अधिकारी (Generalist) और तकनीकी विशेषज्ञों के बीच विवाद मुख्यतः इसलिए है क्योंकि नीति निर्माण में सामान्यज्ञों को प्राथमिकता दी जाती है, जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी मामलों में उनकी विशेषज्ञता को अधिक महत्व मिलना चाहिए।
14. किस विद्वान की अनुशंसा पर भारत में "संगठन एवं प्रबंध (O&M) इकाई" की स्थापना हुई?
(A) A.D. Gorwala ✓ (B) Paul H. Appleby (C) K. Santhanam (D) Henry Fayol
व्याख्या: A.D. Gorwala की 1951 की रिपोर्ट "Report on Public Administration" में O&M (Organisation and Methods) इकाइयों की स्थापना की सिफारिश की गई थी। इसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में कार्य प्रणाली में सुधार और दक्षता बढ़ाना था।
15. गोपाल स्वामी अय्यंगार समिति की स्थापना कब हुई?
(A) 1951 (B) 1950 (C) 1949 ✓ (D) 1948
व्याख्या: गोपाल स्वामी अय्यंगार समिति 1949 में गठित की गई थी। इस समिति ने भारतीय प्रशासनिक सेवा और प्रशासनिक सुधारों पर सिफारिशें दीं।
रिक्त स्थान पूर्ति - 7 अंक
2024 परीक्षा में पूछे गए रिक्त स्थान पूर्ति प्रश्न:
- "वैज्ञानिक प्रबंध के सिद्धांत" पुस्तक 1911 में प्रकाशित हुई।
(F.W. Taylor की प्रसिद्ध पुस्तक "The Principles of Scientific Management") - Chester Barnard ने अभिप्रेरणा को "प्रबंध का हृदय" कहा है।
(Barnard ने अपनी पुस्तक "The Functions of the Executive" 1938 में यह कहा) - प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग 1966 में गठित हुआ।
(Morarji Desai की अध्यक्षता में 5 जनवरी 1966 को गठित) - "राज्य के सप्तांग सिद्धांत" में सात अंग हैं।
(कौटिल्य का सिद्धांत: स्वामी, अमात्य, जनपद, दुर्ग, कोष, सेना, मित्र) - 15 मार्च 1950 को योजना आयोग की स्थापना हुई।
(जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में) - "राजस्थान में योजना मंडल" एक सलाहकारी निकाय है।
(यह मुख्यमंत्री को योजना संबंधी सलाह देता है) - संघ लोक सेवा आयोग के कार्यों का वर्णन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 320 में है।
(UPSC के कार्य और शक्तियां)
अति लघु उत्तरीय प्रश्न - 10 अंक
प्रत्येक प्रश्न का उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में देना था:
- "सामान्यज्ञ" से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: वह प्रशासक जो विभिन्न क्षेत्रों में सामान्य ज्ञान रखता है और विशेष तकनीकी ज्ञान नहीं रखता। IAS अधिकारी सामान्यज्ञ होते हैं। - "स्थायी कार्यपालिका" से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: सिविल सेवक जो राजनीतिक परिवर्तनों से प्रभावित नहीं होते और सेवानिवृत्ति तक अपने पद पर बने रहते हैं। - "अनुदान की मांग" किसे कहते हैं?
उत्तर: सरकार द्वारा विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए संसद से मांगा गया धन, जिस पर लोकसभा में मतदान होता है। - भारत में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति किसके द्वारा होती है?
उत्तर: राष्ट्रपति द्वारा (संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत)। - राज्य में योजना विभाग के अध्यक्ष कौन होते हैं?
उत्तर: मुख्यमंत्री। - भारतीय संविधान की कौनसी अनुसूची में "शक्तियों का विभाजन" वर्णित है?
उत्तर: सातवीं अनुसूची (संघ सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची)। - "लोक चयन दृष्टिकोण" के प्रमुख समर्थक विद्वान कौन हैं?
उत्तर: Vincent Ostrom और James Buchanan। - "प्रथम मिन्नोब्रुक सम्मेलन" कब हुआ था?
उत्तर: 1968 में (नवीन लोक प्रशासन आंदोलन की शुरुआत)। - "अमौद्रिक अभिप्रेरणाओं" के कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर: (1) प्रशंसा और सम्मान (2) पदोन्नति का अवसर। अन्य: कार्य में संतुष्टि, मान्यता, उत्तरदायित्व। - "विकास प्रशासन" का प्रमुख लक्ष्य लिखिए।
उत्तर: आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देना तथा जनता के जीवन स्तर में सुधार करना।
खंड ब - लघु उत्तरीय प्रश्न (24 अंक)
इस खंड में 12 लघु उत्तरीय प्रश्न थे, प्रत्येक 2 अंक का। उत्तर अधिकतम 40 शब्दों में देना था।
प्रश्न 4: "नवीन लोक प्रशासन" की प्रमुख विशेषताएं लिखिए।
उत्तर: नवीन लोक प्रशासन (New Public Administration) 1960 के दशक के अंत में उभरा। इसकी प्रमुख विशेषताएं:
- सामाजिक समानता: समाज के वंचित वर्गों के कल्याण पर जोर।
- लोकतांत्रिक मूल्य: प्रशासन में लोकतांत्रिक भागीदारी।
- नैतिकता: प्रशासकों में नैतिक मूल्यों की प्रधानता।
- उत्तरदायित्व: जनता के प्रति उत्तरदायी प्रशासन।
- परिवर्तन: सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनना।
Dwight Waldo, H. George Frederickson और Frank Marini इसके प्रमुख समर्थक थे।
प्रश्न 5: चार "P" (4 P's) क्या हैं?
उत्तर: विपणन (Marketing) में 4 P's की अवधारणा E. Jerome McCarthy ने दी:
- Product (उत्पाद): वस्तु या सेवा जो ग्राहक को दी जाती है।
- Price (मूल्य): उत्पाद के लिए निर्धारित कीमत।
- Place (स्थान): उत्पाद की उपलब्धता और वितरण।
- Promotion (संवर्धन): विज्ञापन और प्रचार।
बाद में 3 और P जोड़े गए: People (लोग), Process (प्रक्रिया), Physical Evidence (भौतिक साक्ष्य)।
प्रश्न 6: "अनौपचारिक संगठन" से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: अनौपचारिक संगठन (Informal Organisation) वह संबंध है जो कर्मचारियों के बीच स्वाभाविक रूप से विकसित होता है। यह आधिकारिक नियमों पर आधारित नहीं होता। इसकी विशेषताएं:
- व्यक्तिगत संबंधों पर आधारित
- अलिखित नियम और परंपराएं
- सामाजिक और मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं की पूर्ति
- अनौपचारिक नेतृत्व
Chester Barnard और Elton Mayo ने इसके महत्व पर जोर दिया।
प्रश्न 7: "लिखित संप्रेषण" के प्रमुख लाभ बताइए।
उत्तर: लिखित संप्रेषण के लाभ:
- स्थायित्व: भविष्य के संदर्भ के लिए स्थायी रिकॉर्ड।
- स्पष्टता: विस्तृत और स्पष्ट जानकारी।
- कानूनी साक्ष्य: विवादों में प्रमाण के रूप में उपयोग।
- विचारपूर्ण: सोच-समझकर संदेश तैयार किया जा सकता है।
- व्यापक प्रसार: एक साथ कई लोगों को भेजा जा सकता है।
प्रश्न 8: मानवीय तार्किकता को सीमित करने वाले दो तत्व बताइए।
उत्तर: Herbert Simon के "Bounded Rationality" सिद्धांत के अनुसार:
- सूचना की सीमा: निर्णय लेते समय सभी सूचनाएं उपलब्ध नहीं होतीं।
- समय की कमी: सभी विकल्पों का विश्लेषण करने के लिए पर्याप्त समय नहीं।
- संज्ञानात्मक सीमाएं: मानव मस्तिष्क की प्रसंस्करण क्षमता सीमित।
- मूल्य और पूर्वाग्रह: व्यक्तिगत मूल्य और पूर्वाग्रह निर्णय को प्रभावित करते हैं।
प्रश्न 9: "वृहद् स्तरीय अध्ययन" से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: वृहद् स्तरीय अध्ययन (Macro Level Study) में संपूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था, राष्ट्रीय नीतियों और बड़े संगठनात्मक ढांचे का अध्ययन किया जाता है। यह समष्टिगत (aggregate) दृष्टिकोण है जो व्यापक पैटर्न और रुझानों को समझने में सहायक है। उदाहरण: पूरे देश की प्रशासनिक प्रणाली, राष्ट्रीय नीतियां, संवैधानिक संस्थाएं।
प्रश्न 10: "प्रसाद का सिद्धांत" से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: "Doctrine of Pleasure" भारतीय संविधान के अनुच्छेद 310 में वर्णित है। इसके अनुसार:
- सिविल सेवक राष्ट्रपति (केंद्र में) या राज्यपाल (राज्य में) के प्रसाद पर्यंत पद धारण करते हैं।
- इसका अर्थ है कि सैद्धांतिक रूप से उन्हें किसी भी समय हटाया जा सकता है।
- व्यवहार में, अनुच्छेद 311 सिविल सेवकों को सुरक्षा प्रदान करता है।
प्रश्न 11: "राष्ट्रीय विकास परिषद" के प्रमुख कार्य बताइए।
उत्तर: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) की स्थापना 1952 में हुई। इसके कार्य:
- पंचवर्षीय योजनाओं का अनुमोदन
- केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय
- राष्ट्रीय संसाधनों का आवंटन
- योजना कार्यान्वयन का मूल्यांकन
- विकास प्राथमिकताओं का निर्धारण
प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं।
प्रश्न 12: "प्रशिक्षण" क्यों अनिवार्य है?
उत्तर: प्रशिक्षण अनिवार्य है क्योंकि:
- कौशल विकास: नए कौशल सीखना और पुराने को अद्यतन करना।
- दक्षता वृद्धि: कार्य की गुणवत्ता और गति में सुधार।
- तकनीकी परिवर्तन: नई तकनीक से परिचित होना।
- अभिप्रेरणा: कर्मचारियों में आत्मविश्वास बढ़ाना।
- पदोन्नति: उच्च पदों के लिए तैयार करना।
प्रश्न 13: "मितव्ययता कटौती" प्रस्ताव से क्या आशय है?
उत्तर: मितव्ययता कटौती (Economy Cut Motion) लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान प्रस्तुत किया जाता है। इसमें सदस्य किसी मांग की राशि में निर्दिष्ट कमी (आमतौर पर ₹100) का प्रस्ताव करते हैं। इसका उद्देश्य सरकार को यह दिखाना है कि व्यय में मितव्ययता की जानी चाहिए। यह सरकार की नीति पर असहमति व्यक्त करने का एक संसदीय तरीका है।
प्रश्न 14: "लोकायुक्त व्यवस्था" क्या है?
उत्तर: लोकायुक्त एक सांविधिक प्राधिकारी है जो राज्य स्तर पर भ्रष्टाचार और कुप्रशासन की जांच करता है। इसकी विशेषताएं:
- ओम्बड्समैन (Ombudsman) की अवधारणा पर आधारित
- प्रथम लोकायुक्त: महाराष्ट्र (1971)
- राज्यपाल द्वारा नियुक्त
- मंत्रियों और सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायतों की जांच
- सिफारिशें करता है लेकिन बाध्यकारी नहीं
प्रश्न 15: "संथानम समिति" की प्रमुख सिफारिशों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: K. Santhanam Committee (1964) भ्रष्टाचार निवारण पर गठित की गई थी। प्रमुख सिफारिशें:
- केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की स्थापना
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम को कठोर बनाना
- लोकपाल की नियुक्ति
- सिविल सेवकों की संपत्ति विवरण सार्वजनिक करना
- नैतिक आचार संहिता
इस समिति की सिफारिशों ने भारतीय प्रशासन में पारदर्शिता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
खंड स - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (12 अंक)
इस खंड में 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न थे, प्रत्येक 3 अंक का। प्रत्येक प्रश्न में आंतरिक विकल्प दिया गया था। उत्तर 60-80 शब्दों में देना था।
प्रश्न 16: "भारत में लोक सेवकों की भर्ती प्रक्रिया" में प्रमुख कमियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: भारत में सिविल सेवकों की भर्ती मुख्यतः UPSC के माध्यम से होती है। प्रमुख कमियां:
- लंबी प्रक्रिया: भर्ती में 12-18 महीने लग जाते हैं जो प्रतिभाओं के पलायन का कारण बनता है।
- सीमित प्रयास: केवल 6 प्रयासों की सीमा कुछ योग्य उम्मीदवारों को बाहर कर देती है।
- रटने पर जोर: परीक्षा प्रणाली ज्ञान के रटने को प्रोत्साहित करती है, विश्लेषणात्मक क्षमता की कम जांच।
- शहरी पूर्वाग्रह: ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के उम्मीदवारों के लिए कोचिंग और संसाधन सुलभ नहीं।
- विशेषज्ञता की कमी: Generalist approach के कारण तकनीकी विशेषज्ञता का अभाव।
- आरक्षण विवाद: आरक्षण नीति पर बहस और कभी-कभी योग्यता बनाम समानता का संघर्ष।
विकल्प: "आधारभूत प्रशिक्षण" पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर: आधारभूत प्रशिक्षण (Foundation Training) नवनियुक्त सिविल सेवकों को दिया जाने वाला प्रारंभिक प्रशिक्षण है। यह मुख्यतः लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA), मसूरी में दिया जाता है। विशेषताएं:
- अवधि: लगभग 15 सप्ताह
- सभी अखिल भारतीय सेवाओं (IAS, IPS, IFS) के अधिकारी एक साथ प्रशिक्षण लेते हैं
- विषय: संविधान, प्रशासनिक कानून, आर्थिक नीतियां, नैतिकता
- उद्देश्य: राष्ट्रीय एकता, टीम भावना, मूल्य और नैतिकता का विकास
- भारत दर्शन यात्रा (Bharat Darshan) भी शामिल
प्रश्न 17: "भारतीय प्रशासन की स्टील फ्रेम संरचना" से क्या आशय है?
उत्तर: "Steel Frame" शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम लॉर्ड कर्जन ने ICS (Indian Civil Service) के लिए किया था। इसका अर्थ:
- मजबूत आधार: भारतीय प्रशासन की रीढ़ जो देश को एकता में बांधे रखती है।
- स्थायित्व: राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद प्रशासन सुचारू रूप से चलता रहता है।
- अखिल भारतीय सेवाएं: IAS, IPS, IFS जो केंद्र और राज्यों में समान रूप से कार्य करती हैं।
- निष्पक्षता: सिविल सेवक राजनीतिक दबाव से मुक्त होकर निष्पक्ष रूप से काम करते हैं।
- निरंतरता: सरकारों के बदलने के बावजूद प्रशासनिक निरंतरता बनी रहती है।
आजादी के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल ने इस व्यवस्था को बनाए रखने पर जोर दिया।
विकल्प: "कौटिल्य" द्वारा प्रतिपादित "राज्य के सप्तांग सिद्धांत" का वर्णन कीजिए।
उत्तर: कौटिल्य के अर्थशास्त्र में राज्य के सात अंग (सप्तांग सिद्धांत) बताए गए हैं:
- स्वामी (राजा): राज्य का प्रमुख, नीतियों का निर्माता।
- अमात्य (मंत्री): सलाहकार और प्रशासनिक अधिकारी।
- जनपद (जनता और भूमि): राज्य की जनसंख्या और क्षेत्र।
- दुर्ग (किला): रक्षा और सुरक्षा व्यवस्था।
- कोष (राजकोष): राज्य की आर्थिक शक्ति।
- दंड (सेना): सैन्य बल और कानून व्यवस्था।
- मित्र (सहयोगी): अन्य राज्यों के साथ संबंध।
कौटिल्य के अनुसार ये सातों अंग मिलकर एक सशक्त राज्य का निर्माण करते हैं।
प्रश्न 18: प्रशासनिक विकास की समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: प्रशासनिक विकास (Administrative Development) की प्रमुख समस्याएं:
- नौकरशाही का प्रतिरोध: पुरानी व्यवस्था में परिवर्तन का विरोध।
- राजनीतिक हस्तक्षेप: नीतियों के कार्यान्वयन में राजनीतिक दबाव।
- भ्रष्टाचार: रिश्वतखोरी और अनैतिक व्यवहार।
- प्रशिक्षण का अभाव: आधुनिक तकनीकों में कर्मचारियों का अपर्याप्त प्रशिक्षण।
- संसाधनों की कमी: वित्तीय और तकनीकी संसाधनों का अभाव।
- समन्वय की कमी: विभिन्न विभागों के बीच तालमेल का अभाव।
- जनता की भागीदारी की कमी: नीति निर्माण में नागरिकों की सीमित भूमिका।
विकल्प: विकास प्रशासन का महत्व समझाइए।
उत्तर: विकास प्रशासन (Development Administration) विकासशील देशों में आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देने के लिए विशेष प्रशासनिक व्यवस्था है। महत्व:
- आर्थिक विकास: औद्योगीकरण, कृषि विकास और रोजगार सृजन।
- सामाजिक न्याय: गरीबी उन्मूलन और समानता स्थापित करना।
- योजना निर्माण: पंचवर्षीय योजनाओं का कार्यान्वयन।
- परिवर्तन का माध्यम: सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन लाना।
- जनकल्याण: शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं में सुधार।
Edward Weidner और Fred Riggs ने विकास प्रशासन की अवधारणा विकसित की।
प्रश्न 19: "निर्णय निर्माण के सीमित विवेकता / प्रशासनिक मानव मॉडल" को समझाइए।
उत्तर: Herbert Simon का "Bounded Rationality" या "Administrative Man Model" निर्णय निर्माण की यथार्थवादी व्याख्या है:
- सीमित सूचना: सभी विकल्पों की पूर्ण जानकारी असंभव।
- संतोषजनक समाधान: "Satisficing" - सर्वोत्तम के बजाय संतोषजनक विकल्प चुनना।
- संज्ञानात्मक सीमाएं: मानव मस्तिष्क की सीमित प्रसंस्करण क्षमता।
- समय और लागत: सभी विकल्पों के मूल्यांकन में अत्यधिक समय और लागत।
- व्यक्तिगत पूर्वाग्रह: निर्णय लेने में व्यक्तिगत मूल्य और अनुभव की भूमिका।
यह मॉडल "Economic Man" (पूर्ण तार्किकता) की अवधारणा को खारिज करता है।
(Problem Identification)
(Limited Information Gathering)
(Few Alternatives)
(Satisficing Solution)
(Implementation)
🔑 Bounded Rationality (सीमित तार्किकता) के तत्व:
- सभी विकल्पों की जानकारी असंभव
- समय और संसाधनों की कमी
- संज्ञानात्मक सीमाएं (Cognitive Limits)
- "Satisficing" > "Maximizing"
विकल्प: संप्रेषण के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: संप्रेषण (Communication) के मुख्य प्रकार:
दिशा के आधार पर:
- अधोगामी (Downward): उच्च अधिकारियों से अधीनस्थों को।
- उर्ध्वगामी (Upward): अधीनस्थों से उच्च अधिकारियों को।
- क्षैतिज (Horizontal): समान स्तर के अधिकारियों के बीच।
- विकर्ण (Diagonal): विभिन्न विभागों के विभिन्न स्तरों पर।
माध्यम के आधार पर:
- मौखिक: बातचीत, बैठक, टेलीफोन।
- लिखित: पत्र, रिपोर्ट, ईमेल।
- अशाब्दिक: हावभाव, चेहरे के भाव।
खंड द - निबंधात्मक प्रश्न (12 अंक)
इस खंड में 3 निबंधात्मक प्रश्न थे, प्रत्येक 4 अंक का। प्रत्येक में आंतरिक विकल्प था। उत्तर 100-150 शब्दों में देना था।
प्रश्न 20: "Max Weber द्वारा प्रतिपादित आदर्श नौकरशाही" की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: Max Weber (1864-1920) जर्मन समाजशास्त्री ने "Ideal Type of Bureaucracy" की अवधारणा दी। मुख्य विशेषताएं:
- श्रम विभाजन (Division of Labour): प्रत्येक अधिकारी की विशिष्ट भूमिका और उत्तरदायित्व। विशेषज्ञता से दक्षता बढ़ती है।
- पदसोपानी संरचना (Hierarchy): स्पष्ट प्राधिकार श्रृंखला। प्रत्येक निचला स्तर उच्च स्तर के नियंत्रण में। पिरामिड संरचना।
- औपचारिक नियम (Formal Rules): लिखित नियम और प्रक्रियाएं। मानकीकृत कार्य विधि। व्यक्तिगत पसंद-नापसंद का कोई स्थान नहीं।
- अवैयक्तिकता (Impersonality): निर्णय तथ्यों और नियमों पर आधारित। पक्षपात रहित व्यवहार। "Sine ira et studio" (बिना क्रोध और पूर्वाग्रह के)।
- योग्यता के आधार पर चयन (Merit-based Selection): तकनीकी योग्यता और परीक्षा के आधार पर भर्ती। पारिवारिक या राजनीतिक संबंधों का कोई महत्व नहीं।
- जीवन भर करियर (Career Orientation): स्थायी नौकरी। नियमित वेतन और पेंशन। पदोन्नति वरिष्ठता और योग्यता पर आधारित।
- लिखित दस्तावेज (Written Documents): सभी निर्णय और संचार लिखित रूप में। फाइलों का रखरखाव। जवाबदेही सुनिश्चित करना।
- पृथक्करण (Separation): व्यक्तिगत और आधिकारिक जीवन अलग। कार्यालय की संपत्ति व्यक्तिगत संपत्ति से अलग।
Weber के अनुसार यह आदर्श प्रकार (Ideal Type) सबसे तर्कसंगत और कुशल संगठन है। हालांकि, आलोचकों ने इसे अत्यधिक कठोर और मानवीय तत्वों की उपेक्षा करने वाला बताया। आधुनिक प्रशासन में Weber की नौकरशाही का प्रभाव स्पष्ट है, लेकिन लचीलापन और नवाचार की भी आवश्यकता है।
(Chief Executive)
(Senior Managers)
(Middle Level Officers)
(Lower Level Staff)
विशेषताएं: स्पष्ट पदसोपान, औपचारिक नियम, योग्यता आधारित चयन, अवैयक्तिक निर्णय
विकल्प: "Henry Fayol द्वारा प्रतिपादित प्रबंध के सिद्धांतों" का वर्णन कीजिए।
उत्तर: Henri Fayol (1841-1925) फ्रांसीसी खनन इंजीनियर थे जिन्हें "Modern Management के पिता" कहा जाता है। उनके 14 प्रबंध सिद्धांत:
- श्रम विभाजन (Division of Work): विशेषज्ञता से दक्षता बढ़ती है।
- प्राधिकार और उत्तरदायित्व (Authority and Responsibility): प्राधिकार के साथ उत्तरदायित्व भी होना चाहिए।
- अनुशासन (Discipline): नियमों का पालन आवश्यक।
- आदेश की एकता (Unity of Command): एक कर्मचारी को केवल एक अधिकारी से आदेश मिलना चाहिए।
- निर्देश की एकता (Unity of Direction): एक लक्ष्य के लिए एक योजना और एक प्रमुख।
- व्यक्तिगत हित का अधीनीकरण (Subordination of Individual Interest): संगठन के हित सर्वोपरि।
- पारिश्रमिक (Remuneration): उचित और न्यायपूर्ण वेतन।
- केंद्रीकरण (Centralization): निर्णय लेने की शक्ति का संतुलन।
- श्रृंखला (Scalar Chain): संचार की स्पष्ट रेखा।
- व्यवस्था (Order): सब कुछ अपने स्थान पर (Material and Social Order)।
- समानता (Equity): सभी के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार।
- कार्यकाल की स्थिरता (Stability of Tenure): नौकरी की सुरक्षा।
- पहल (Initiative): कर्मचारियों को स्वतंत्र रूप से सोचने की स्वतंत्रता।
- Esprit de Corps: टीम भावना और एकता।
Fayol ने प्रबंध के 5 कार्य भी बताए: Planning, Organizing, Commanding, Coordinating और Controlling।
प्रश्न 21: "प्रशासन में पारदर्शिता" पर एक लेख लिखिए।
उत्तर: पारदर्शिता (Transparency) सुशासन का महत्वपूर्ण स्तंभ है:
अर्थ: सरकारी कार्यों, निर्णयों और सूचनाओं की खुली उपलब्धता। नागरिकों को प्रशासनिक प्रक्रिया की जानकारी।
महत्व:
- भ्रष्टाचार निवारण: खुलेपन से भ्रष्टाचार कम होता है।
- जवाबदेही: अधिकारी अपने कार्यों के लिए जवाबदेह बनते हैं।
- जनता का विश्वास: सरकार में जनता का विश्वास बढ़ता है।
- बेहतर निर्णय: सार्वजनिक जांच से निर्णयों की गुणवत्ता सुधरती है।
- नागरिक भागीदारी: सूचना से नागरिक नीति निर्माण में भाग ले सकते हैं।
भारत में पारदर्शिता के उपाय:
- सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) 2005: नागरिकों को सरकारी सूचना प्राप्त करने का अधिकार।
- ई-गवर्नेंस: ऑनलाइन सेवाएं और सूचना पोर्टल।
- सोशल ऑडिट: ग्राम सभाओं में कार्यों की जांच।
- सिटीजन चार्टर: सेवाओं के मानक और समय सीमा की घोषणा।
- CAG रिपोर्ट: नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्टें सार्वजनिक।
चुनौतियां: कागजी कार्रवाई, डिजिटल डिवाइड, अधिकारियों का प्रतिरोध, सूचना का दुरुपयोग।
निष्कर्ष: पारदर्शिता लोकतंत्र की आत्मा है। यह सुशासन, विकास और नागरिक सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है।
विकल्प: "विशेषज्ञ प्रशासक" से क्या अभिप्राय है? "प्रशासन में उनकी भूमिका" के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर: विशेषज्ञ प्रशासक (Specialist Administrator): वे अधिकारी जो किसी विशेष क्षेत्र - जैसे इंजीनियरिंग, चिकित्सा, कृषि, वित्त - में तकनीकी विशेषज्ञता रखते हैं।
प्रशासन में विशेषज्ञों की भूमिका के पक्ष में तर्क:
- तकनीकी ज्ञान: जटिल तकनीकी मामलों में सही निर्णय। जैसे - बांध निर्माण में इंजीनियरों की आवश्यकता।
- गुणवत्तापूर्ण सेवाएं: स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञों से बेहतर सेवा।
- नवाचार: नई तकनीकों और विधियों का प्रयोग।
- विश्वसनीयता: तकनीकी मामलों में विशेषज्ञों की सलाह अधिक विश्वसनीय।
- अंतर्राष्ट्रीय मानक: विकसित देशों में विशेषज्ञों को प्राथमिकता।
- समय की बचत: विशेषज्ञ तेजी से समस्या समाधान कर सकते हैं।
उदाहरण: COVID-19 महामारी में चिकित्सा विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण भूमिका। ISRO में वैज्ञानिकों का योगदान।
संतुलित दृष्टिकोण: सामान्यज्ञ और विशेषज्ञ दोनों की आवश्यकता। सामान्यज्ञ समन्वय और नीति निर्माण में, विशेषज्ञ कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण।
प्रश्न 22: "जिला योजना समिति" की शक्तियों व कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: 73वें और 74वें संविधान संशोधन (1992) द्वारा अनुच्छेद 243ZD के तहत जिला योजना समिति (District Planning Committee - DPC) का प्रावधान किया गया।
संरचना:
- राज्य विधानमंडल द्वारा निर्धारित।
- सदस्य: पंचायतों और नगरपालिकाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि।
- अध्यक्ष: जिला स्तर की पंचायत का प्रमुख या निर्वाचित सदस्य।
- 4/5 सदस्य पंचायतों और नगरपालिकाओं द्वारा चुने जाते हैं।
प्रमुख कार्य:
- जिला योजना तैयार करना: पंचायतों और नगरपालिकाओं की योजनाओं को एकीकृत करना।
- संसाधनों का आवंटन: उपलब्ध वित्तीय और भौतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण वितरण।
- प्राथमिकता निर्धारण: विभिन्न योजनाओं में प्राथमिकता तय करना।
- समन्वय: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विकास में तालमेल।
- विशेष देखभाल: अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के हितों की रक्षा।
शक्तियां:
- जिला स्तर पर विकास योजनाएं बनाने का अधिकार।
- विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को आमंत्रित करना।
- जिला कलेक्टर से सूचना मांगना।
- राज्य सरकार को योजना की सिफारिश करना।
महत्व: विकेंद्रीकरण, स्थानीय आवश्यकताओं का ध्यान, जनभागीदारी, समग्र विकास।
चुनौतियां: राज्यों द्वारा धीमा कार्यान्वयन, वित्तीय शक्तियों की कमी, राजनीतिक हस्तक्षेप।
विकल्प: "नीति आयोग की संरचना" पर एक लेख लिखिए।
उत्तर: नीति आयोग (NITI Aayog - National Institution for Transforming India) की स्थापना 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग के स्थान पर की गई।
संरचना:
- अध्यक्ष (Chairman): प्रधानमंत्री।
- उपाध्यक्ष (Vice-Chairman): प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त (वर्तमान में डॉ. राजीव कुमार - पहले अरविंद पनगढ़िया, डॉ. राजीव कुमार)।
- पदेन सदस्य (Ex-officio Members): केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य जिन्हें प्रधानमंत्री नामित करें (अधिकतम 4)।
- पूर्णकालिक सदस्य (Full-time Members): अधिकतम 2, विशेष ज्ञान वाले व्यक्ति।
- अंशकालिक सदस्य (Part-time Members): अधिकतम 2, प्रसिद्ध संस्थानों से।
- विशेष आमंत्रित सदस्य: आवश्यकता अनुसार विशेषज्ञों को आमंत्रित करना।
- मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO): सचिव की रैंक का अधिकारी (वर्तमान में परमेश्वरन अय्यर)।
- राज्यों के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल: विशेष आवश्यकता पर आमंत्रित।
प्रमुख कार्य:
- राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं का निर्धारण।
- राज्यों के साथ सहकारी संघवाद को बढ़ावा।
- गांव स्तर पर विश्वसनीय योजना बनाना।
- नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहन।
- सतत विकास लक्ष्यों (SDG) की निगरानी।
- कार्यक्रम कार्यान्वयन की निगरानी।
योजना आयोग से अंतर:
- विकेंद्रीकृत दृष्टिकोण (bottom-up approach)।
- थिंक टैंक के रूप में कार्य (नीतिगत सलाह)।
- वित्तीय आवंटन की शक्ति नहीं।
- राज्यों के साथ सहयोगात्मक।
महत्वपूर्ण विषय और अवधारणाएं
लोक प्रशासन में कुछ मूलभूत अवधारणाएं हैं जो परीक्षा और व्यावहारिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं:
1. वैज्ञानिक प्रबंध (Scientific Management)
F.W. Taylor (1856-1915) द्वारा प्रतिपादित। मुख्य सिद्धांत:
- कार्य का वैज्ञानिक अध्ययन (Time and Motion Study)
- कर्मचारियों का वैज्ञानिक चयन और प्रशिक्षण
- प्रबंधन और श्रमिकों में सहयोग
- कार्य और उत्तरदायित्व का विभाजन
- Differential Piece Rate System (टुकड़ा मजदूरी)
2. मानव संबंध दृष्टिकोण (Human Relations Approach)
Elton Mayo और Hawthorne प्रयोग (1924-1932):
- कर्मचारी केवल आर्थिक प्राणी नहीं, सामाजिक भी
- अनौपचारिक संगठन का महत्व
- कार्य संतुष्टि और मनोबल
- भागीदारी प्रबंधन
3. नवीन लोक प्रबंधन (New Public Management)
1980-90 के दशक में उभरा:
- बाजार तंत्र का प्रयोग
- निजीकरण (Privatization)
- परिणाम आधारित प्रबंधन
- ग्राहक केंद्रित सेवाएं
- प्रतिस्पर्धा और दक्षता
4. सुशासन (Good Governance)
विश्व बैंक और UN द्वारा प्रोत्साहित:
- भागीदारी (Participation)
- पारदर्शिता (Transparency)
- जवाबदेही (Accountability)
- प्रभावशीलता (Effectiveness)
- समानता (Equity)
- कानून का शासन (Rule of Law)
5. ई-गवर्नेंस (E-Governance)
प्रौद्योगिकी का प्रयोग:
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम
- आधार कार्ड
- ऑनलाइन सेवाएं
- डिजिटल लॉकर
- UMANG App
प्रमुख विद्वान और उनके योगदान
लोक प्रशासन के विकास में अनेक विद्वानों का योगदान रहा है:
विद्वान | देश | प्रमुख योगदान | पुस्तक/सिद्धांत |
---|---|---|---|
Woodrow Wilson | USA | लोक प्रशासन के जनक, Politics-Administration Dichotomy | "The Study of Administration" (1887) |
F.W. Taylor | USA | वैज्ञानिक प्रबंध के जनक | "The Principles of Scientific Management" (1911) |
Henri Fayol | France | प्रबंध के 14 सिद्धांत, 5 कार्य | "General and Industrial Management" (1916) |
Max Weber | Germany | आदर्श नौकरशाही का सिद्धांत | "Economy and Society" (1922) |
Herbert Simon | USA | Bounded Rationality, Decision-making | "Administrative Behaviour" (1947) |
Elton Mayo | Australia | Hawthorne प्रयोग, Human Relations | Western Electric Studies (1924-32) |
Luther Gulick | USA | POSDCORB | "Papers on the Science of Administration" (1937) |
Chester Barnard | USA | संगठन और प्रेरणा सिद्धांत | "The Functions of the Executive" (1938) |
Dwight Waldo | USA | नवीन लोक प्रशासन | "The Administrative State" (1948) |
Fred Riggs | USA | तुलनात्मक लोक प्रशासन, Prismatic Society | "Administration in Developing Countries" (1964) |
कौटिल्य (Chanakya) | भारत | प्राचीन भारतीय प्रशासन, सप्तांग सिद्धांत | "अर्थशास्त्र" (300 BCE) |
POSDCORB - Luther Gulick
प्रशासनिक कार्यों का संक्षिप्त रूप:
योजना
संगठन
कर्मचारी व्यवस्था
निर्देशन
समन्वय
रिपोर्टिंग
बजट
ये सात कार्य प्रत्येक प्रशासक के मूलभूत कार्य हैं
- P - Planning (योजना)
- O - Organizing (संगठन)
- S - Staffing (कर्मचारी व्यवस्था)
- D - Directing (निर्देशन)
- CO - Coordinating (समन्वय)
- R - Reporting (रिपोर्टिंग)
- B - Budgeting (बजट)
भारतीय प्रशासनिक संस्थाएं
1. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
संवैधानिक स्थिति: अनुच्छेद 315-323, भाग XIV
स्थापना: 1 अक्टूबर 1926 (Lee Commission की सिफारिश पर)
राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त
कार्यकाल: 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो)
संरचना:
- अध्यक्ष और 10-11 सदस्य
- राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त
- कार्यकाल: 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक
प्रमुख कार्य:
- सिविल सेवा परीक्षाओं का आयोजन (IAS, IPS, IFS आदि)
- भर्ती नियमों पर सलाह
- अनुशासनात्मक मामलों में परामर्श
- प्रोन्नति और स्थानांतरण पर सलाह
2. केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC)
स्थापना: 1964 (K. Santhanam Committee की सिफारिश)
संवैधानिक दर्जा: 2003 से (CVC Act)
कार्य:
- केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की जांच
- सतर्कता प्रशासन में सुधार की सलाह
- CBI को निर्देश (लोकपाल अधिनियम 2013 के बाद)
3. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
संवैधानिक स्थिति: अनुच्छेद 148-151
नियुक्ति: राष्ट्रपति द्वारा, 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु
कार्य:
- केंद्र और राज्यों के खातों की लेखा परीक्षा
- संसद और राज्य विधानमंडलों को रिपोर्ट
- वित्तीय अनियमितताओं का पता लगाना
4. भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA)
स्थापना: 1954, नई दिल्ली
उद्देश्य:
- लोक प्रशासन में शोध
- प्रशासनिक प्रशिक्षण कार्यक्रम
- परामर्श सेवाएं
- प्रकाशन (Indian Journal of Public Administration)
5. नीति आयोग (2015)
पहले योजना आयोग (1950-2014) का स्थान। विवरण खंड द में दिया गया है।
पहलू | योजना आयोग (1950-2014) |
नीति आयोग (2015-वर्तमान) |
---|---|---|
दृष्टिकोण | Top-down (ऊपर से नीचे) | Bottom-up (नीचे से ऊपर) |
प्रकृति | निर्णय लेने वाली संस्था | सलाहकारी संस्था (Think Tank) |
वित्तीय शक्ति | धन आवंटन की शक्ति | कोई वित्तीय शक्ति नहीं |
राज्यों के साथ संबंध | केंद्रीकृत, आदेशात्मक | सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) |
योजना | पंचवर्षीय योजनाएं | दीर्घकालीन रणनीति और लक्ष्य |
अध्यक्ष | प्रधानमंत्री | प्रधानमंत्री |
उपाध्यक्ष | नहीं था | पूर्णकालिक उपाध्यक्ष |
मुख्य फोकस | संसाधन आवंटन | नवाचार, तकनीक, SDG |
कार्यपद्धति | कठोर, नौकरशाही | लचीली, गतिशील |
6. प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान
- लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA): मसूरी - IAS प्रशिक्षण
- राष्ट्रीय पुलिस अकादमी: हैदराबाद - IPS प्रशिक्षण
- इंडियन फॉरेन सर्विस संस्थान: नई दिल्ली - IFS प्रशिक्षण
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM): नई दिल्ली
परीक्षा तैयारी रणनीति
लोक प्रशासन में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए व्यवस्थित तैयारी आवश्यक है:
पाठ्यक्रम की समझ
- RBSE का आधिकारिक पाठ्यक्रम देखें
- NCERT की 11वीं और 12वीं की राजनीति विज्ञान की पुस्तकें पढ़ें
- लोक प्रशासन के विभिन्न विषय - सिद्धांत, संस्थाएं, भारतीय प्रशासन
अध्ययन सामग्री
- मुख्य पुस्तकें:
- "Public Administration" - M. Laxmikanth
- "भारतीय प्रशासन" - रमेश अरोड़ा और राजनी गोयल
- "Public Administration" - NCERT (कक्षा 11 & 12)
- "Indian Administration" - Avasthi and Maheshwari
- पत्रिकाएं: Indian Journal of Public Administration, Yojana, Kurukshetra
- ऑनलाइन संसाधन: UPSC, RBSE वेबसाइट, YouTube lectures
विषयवार तैयारी
सिद्धांत और विद्वान:
- प्रत्येक विद्वान का योगदान संक्षेप में याद करें
- Taylor, Fayol, Weber, Simon को विशेष महत्व दें
- तुलनात्मक अध्ययन करें - Classical vs Humanistic approach
भारतीय प्रशासन:
- संवैधानिक प्रावधान (UPSC, CAG संबंधित अनुच्छेद)
- विभिन्न आयोगों की सिफारिशें (Administrative Reforms Commission, Santhanam Committee)
- योजना आयोग से नीति आयोग तक का विकास
समसामयिक विषय:
- सुशासन, ई-गवर्नेंस
- भ्रष्टाचार निवारण (RTI, Lokpal)
- विकास प्रशासन और SDG
उत्तर लेखन कौशल
- MCQ: तथ्यों पर ध्यान, dates और names याद करें
- लघु उत्तरीय (2 अंक):
- सीधे मुद्दे पर आएं
- 2-3 points, प्रत्येक 1-2 lines
- 40 शब्द की सीमा में रहें
- दीर्घ उत्तरीय (3 अंक):
- Introduction, Main body, Conclusion
- 3-4 points विस्तार से
- उदाहरण दें
- निबंधात्मक (4 अंक):
- स्पष्ट संरचना
- विभिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत करें
- तथ्यों और उदाहरणों का समर्थन
- संतुलित निष्कर्ष
समय प्रबंधन
- 15 मिनट: प्रश्न पत्र पढ़ना, योजना बनाना
- MCQ और रिक्त स्थान: 40 मिनट
- अति लघु उत्तरीय: 20 मिनट
- लघु उत्तरीय: 40 मिनट
- दीर्घ उत्तरीय: 40 मिनट
- निबंधात्मक: 45 मिनट
- 15 मिनट: रिवीजन
पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र
- कम से कम 5 वर्षों के प्रश्न पत्र हल करें
- प्रश्नों के पैटर्न को समझें
- बार-बार पूछे जाने वाले topics नोट करें
- मॉक टेस्ट दें
करियर संभावनाएं
लोक प्रशासन विषय अनेक करियर विकल्प प्रदान करता है:
1. सिविल सेवाएं
- UPSC सिविल सेवा परीक्षा: IAS, IPS, IFS, IRS आदि
- राज्य लोक सेवा आयोग (RPSC): RAS, RPS और अन्य राज्य सेवाएं
- अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं: SSC, Banking, Railways
2. शैक्षणिक करियर
- MA / M.Phil / Ph.D. in Public Administration
- विश्वविद्यालयों में प्राध्यापक
- शोधकर्ता (Research Scholar)
3. प्रशासनिक पद
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में
- स्वायत्त संस्थाओं में
- विश्वविद्यालय प्रशासन
4. अंतर्राष्ट्रीय संगठन
- United Nations और इसकी एजेंसियां
- World Bank, IMF
- Asian Development Bank
5. परामर्श और नीति विश्लेषण
- नीति विश्लेषक (Policy Analyst)
- प्रबंधन परामर्शदाता
- Think Tanks में
6. NGO और सामाजिक क्षेत्र
- विकास संगठनों में
- समाज सेवा
- ग्रामीण विकास कार्यक्रम
संदर्भ
- राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड - आधिकारिक वेबसाइट: rajeduboard.rajasthan.gov.in
- RBSE Senior Secondary Question Paper 2024 - Public Administration (SS-06)
- M. Laxmikanth, "Public Administration", McGraw Hill Education
- Avasthi and Maheshwari, "Public Administration", Lakshmi Narain Agarwal
- Indian Institute of Public Administration (IIPA) - www.iipa.org.in
- Union Public Service Commission (UPSC) - www.upsc.gov.in
- NITI Aayog - www.niti.gov.in
- रमेश अरोड़ा और राजनी गोयल, "भारतीय प्रशासन", Wishwa Prakashan
बाहरी कड़ियाँ और संसाधन
आधिकारिक लिंक
- राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
- RBSE 2024 Public Administration Question Paper (SS-06) - Original PDF
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA)
- नीति आयोग
प्रशिक्षण संस्थान
- लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA)
- राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद
- विदेश सेवा संस्थान, नई दिल्ली
अध्ययन सामग्री
श्रेणी: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड | लोक प्रशासन | वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा | RBSE 2024 | सिविल सेवा | भारतीय प्रशासन
यह पृष्ठ अंतिम बार 20 अक्टूबर 2025 को 19:00 बजे संपादित किया गया था।
पाठ Creative Commons Attribution-ShareAlike License के अधीन उपलब्ध है; अतिरिक्त शर्तें लागू हो सकती हैं।
अस्वीकरण: यह एक शैक्षणिक संसाधन है। सभी आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया RBSE की आधिकारिक वेबसाइट देखें।