📘 राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 | पारिवारिक पेंशन गाइड
राज्य सेवा में कार्यरत कर्मचारियों की सेवा के दौरान अथवा सेवानिवृत्ति के पश्चात् मृत्यु हो जाने पर उनके परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 के अंतर्गत पारिवारिक पेंशन (Family Pension) की व्यवस्था की गई है। यह पेंशन कर्मचारी/पेंशनर के मृत्योपरांत परिवारजनों को नियत नियमों के अनुसार देय होती है।
यह लेख Rule 61 से Rule 67 के अनुसार पारिवारिक पेंशन की देयता, पात्रता, शर्तें, गणना और विशेष प्रावधानों पर आधारित है। इसे RPSC, UPSC, RSSB, एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु विशेष रूप से तैयार किया गया है।
📌 पारिवारिक पेंशन की देयता | Rule 61
पारिवारिक पेंशन का तात्पर्य है – राज्य कर्मचारी की मृत्यु के उपरांत उसके परिवार को नियत दर पर दी जाने वाली नियमित मासिक पेंशन। यह दो स्थितियों में देय होती है:
- (क) सेवा में रहते हुए मृत्यु: यदि राज्य कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाए और उसने एक वर्ष की निरंतर सेवा पूर्ण कर ली हो, तो उसके परिवार को पारिवारिक पेंशन देय होगी।
- (ख) सेवा से निवृत्त होने के बाद मृत्यु: यदि कर्मचारी सेवा से सेवानिवृत्त हो चुका है और उसे पेंशन मिल रही थी, तब मृत्यु होने पर भी उसके परिवार को पारिवारिक पेंशन देय होगी।
शर्त: यदि कर्मचारी आयोग की सीमा में न आने वाले पदों पर या अस्थायी रूप से नियुक्त था तथा सेवा नियमित नहीं थी, तो पारिवारिक पेंशन केवल तभी देय होगी जब नियुक्ति आदेश में इसकी स्वीकृति स्पष्ट रूप से दी गई हो।
📋 देयता की सामान्य शर्तें:
- ✔️ पारिवारिक पेंशन राज्य कर्मचारी/पेंशनर की मृत्यु के दूसरे दिन से प्रारंभ मानी जाती है।
- ✔️ मृत कर्मचारी ने 7 वर्ष की सेवा पूर्ण की हो अथवा 67 वर्ष की आयु तक जीवित रहा हो, तब तक बढ़ी हुई दर पर पारिवारिक पेंशन देय होती है।
- ✔️ यदि सेवा अवधि 7 वर्ष से कम हो, तो केवल सामान्य दर पर पारिवारिक पेंशन देय होती है।
🧾 पारिवारिक पेंशन की पात्रता व क्रम | Rule 62
राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 के अनुसार पारिवारिक पेंशन की पात्रता निम्नलिखित क्रम में निर्धारित की गई है। यदि किसी क्रम के सदस्य उपलब्ध नहीं हैं, तो अगले क्रम में पात्र सदस्य को पेंशन देय होती है:
- (क) विधवा/विधुर – मृतक कर्मचारी/पेंशनर की मृत्यु तक, पुनर्विवाह की स्थिति में पात्रता समाप्त हो जाती है।
- (ख) अविवाहित पुत्र/पुत्री – 25 वर्ष की आयु तक या विवाह तक, जो भी पहले हो। यदि पुत्र/पुत्री मानसिक/शारीरिक रूप से अक्षम हो, तो विशेष नियम लागू होंगे।
- (ग) तलाकशुदा/विधवा पुत्री – जब तक पुनर्विवाह न हो और मासिक आय ₹9500 से कम हो।
- (घ) माता-पिता – यदि अन्य कोई पात्र सदस्य न हो और वे मृतक पर पूर्णतः आश्रित रहे हों, मासिक आय ₹9500 से कम हो।
महत्वपूर्ण: एक समय में केवल एक ही पात्र सदस्य को पारिवारिक पेंशन देय होती है, और वह जन्म तिथि के आधार पर वरिष्ठता के अनुसार तय किया जाता है। (Rule 67)
💰 पारिवारिक पेंशन की दरें, गणना और विशेष स्थितियाँ | Rule 62
🔹 (क) सामान्य दर पर पारिवारिक पेंशन:
- मृतक कर्मचारी की मासिक परिलाभ राशि का 30% देय होता है।
- 01.07.2013 से न्यूनतम पारिवारिक पेंशन ₹3450 प्रतिमाह निर्धारित की गई।
- 01.01.2016 से यह दर ₹8850 प्रति माह निर्धारित है।
🔹 (ख) बढ़ी हुई दर पर पारिवारिक पेंशन:
- यदि कर्मचारी की मृत्यु सेवा के दौरान होती है, तो अगले 7 वर्षों तक या 67 वर्ष की आयु तक (जो पहले हो) परिवार को 50% की दर से पेंशन देय होगी।
- उसके पश्चात सामान्य दर (30%) से पेंशन देय होगी।
🔹 (ग) विशेष स्थिति – मानसिक/शारीरिक रूप से अक्षम संतान:
- यदि मृतक कर्मचारी की संतान विकलांग, मानसिक रूप से असमर्थ, या आजीविका हेतु पूर्णतः अक्षम है, तो प्रमाण प्रस्तुत करने पर जीवन भर पारिवारिक पेंशन दी जा सकती है।
- इसके लिए राजकीय चिकित्सक का प्रमाण पत्र एवं संरक्षक प्रमाणन आवश्यक है।
- यदि उस अक्षम व्यक्ति की मासिक आय ₹9500 से अधिक हो, तो पेंशन देय नहीं होगी।
🔸 पेंशन की गणना का तरीका:
सामान्य फार्मूला:
पारिवारिक पेंशन = परिलाभ राशि × 30% या 50% (दर के अनुसार)
📌 उदाहरण:
यदि कर्मचारी की अंतिम परिलाभ राशि ₹80,000 थी:
➡️ सामान्य दर पर पेंशन = ₹80,000 × 30% = ₹24,000 प्रति माह
➡️ बढ़ी हुई दर पर पेंशन = ₹80,000 × 50% = ₹40,000 प्रति माह
📝 पारिवारिक पेंशन – परीक्षा उपयोगी प्रश्नोत्तर
- पारिवारिक पेंशन की सामान्य दर कितनी होती है?
उत्तर: 30% - बढ़ी हुई दर कितनी होती है?
उत्तर: 50% - बढ़ी हुई दर कितने वर्षों तक देय होती है?
उत्तर: 7 वर्ष या 67 वर्ष की आयु तक (जो पहले हो) - 01.01.2016 से न्यूनतम पारिवारिक पेंशन कितनी निर्धारित है?
उत्तर: ₹8850 प्रति माह - सेवा काल में मृत्यु पर कितनी दर से पेंशन देय होगी?
उत्तर: पहले 7 वर्षों तक 50% दर से - अक्षम संतान की पारिवारिक पेंशन हेतु किसका प्रमाण आवश्यक है?
उत्तर: राजकीय चिकित्सक का प्रमाण - यदि अक्षम व्यक्ति की आय ₹9500 से अधिक है तो क्या होगा?
उत्तर: पारिवारिक पेंशन देय नहीं होगी - पारिवारिक पेंशन की गणना किस पर आधारित होती है?
उत्तर: परिलाभ राशि पर - “परिलाभ राशि” में क्या शामिल होता है?
उत्तर: मूल वेतन + महंगाई भत्ता - यदि अंतिम परिलाभ ₹50,000 है, सामान्य पेंशन क्या होगी?
उत्तर: ₹15,000 - पारिवारिक पेंशन नियमों का उल्लेख RSR के किस नियम में है?
उत्तर: नियम 62 - बढ़ी हुई दर समाप्त होने के बाद कौन सी दर लागू होती है?
उत्तर: सामान्य दर (30%) - किस वर्ग को जीवन भर पारिवारिक पेंशन मिल सकती है?
उत्तर: पूर्णतः अक्षम संतान को - पेंशन संबंधी विवाद किस अधिकारी से सुलझाए जाते हैं?
उत्तर: संनिर्देशक / पेंशन प्राधिकारी - RSR नियम 1996 में पेंशन की राशि को बढ़ाने का आधार क्या है?
उत्तर: वेतन आयोग की सिफारिशें
📌 Revision Capsule – पारिवारिक पेंशन (Quick Recap)
- 🔹 पारिवारिक पेंशन दो दरों पर – सामान्य (30%) और बढ़ी हुई (50%)
- 🔹 बढ़ी हुई दर – 7 वर्षों तक या 67 वर्ष की आयु तक (जो पहले हो)
- 🔹 न्यूनतम पारिवारिक पेंशन: ₹8850 (01.01.2016 के बाद)
- 🔹 परिलाभ राशि = मूल वेतन + महंगाई भत्ता
- 🔹 सेवा में मृत्यु पर: पहले 7 वर्षों तक 50% दर से
- 🔹 अक्षम संतान हेतु जीवनभर पेंशन (₹9500 से कम आय पर)
- 🔹 आरएसआर नियम 62 में पारिवारिक पेंशन प्रावधान
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