राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा 2024 (SS-14) प्रश्न पत्र उत्तर सहित
राजस्थान बोर्ड उच्च माध्यमिक परीक्षा 2024
भूगोल (Geography) - प्रश्न पत्र संपूर्ण हल
कक्षा: 12वीं | विषय: भूगोल | समय: 3 घंटे 15 मिनट | पूर्णांक: 56
कुल प्रश्न: 20 | प्रश्न पत्र संख्या: SS-14-Geog. (5010)
खंड - अ (Section A)
बहुविकल्पीय, रिक्त स्थान और अति लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1: बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ)
निर्देश: नीचे दिए गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के सही विकल्प का चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए।
(i) "मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और क्रियाशील मानव के बीच परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है" मानव भूगोल की यह परिभाषा किसने दी?
उत्तर: (A) रैटजेल (Ratzel)
व्याख्या: फ्रेडरिक रैटजेल (Friedrich Ratzel) जर्मन भूगोलवेत्ता थे जिन्होंने मानव भूगोल को एक विषय के रूप में स्थापित किया। उन्होंने मानव और पर्यावरण के बीच गतिशील संबंधों पर जोर दिया। रैटजेल को "मानव भूगोल का जनक" (Father of Human Geography) माना जाता है।
(ii) प्रवास का प्रतिकर्षक कारक है -
उत्तर: (D) बेरोजगारी (Unemployment)
व्याख्या: प्रवास के प्रतिकर्षक (Push) कारक वे होते हैं जो लोगों को अपने मूल स्थान से दूर धकेलते हैं। बेरोजगारी, गरीबी, प्राकृतिक आपदा, युद्ध आदि प्रतिकर्षक कारक हैं। जबकि बेहतर अवसर, स्थायित्व और अनुकूल जलवायु आकर्षक (Pull) कारक हैं।
(iii) कौनसा कथन सत्य है -
उत्तर: (B) भूमध्यसागरीय कृषि खट्टे फलों के लिए प्रसिद्ध है
व्याख्या: भूमध्यसागरीय कृषि में संतरे, नींबू, अंगूर जैसे खट्टे फल (Citrus fruits) मुख्य हैं। यह कृषि भूमध्यसागर, कैलिफोर्निया, चिली आदि क्षेत्रों में होती है। अन्य विकल्प गलत हैं क्योंकि - आखेट और भोजन संग्रह प्राथमिक क्रियाएं हैं, मिश्रित कृषि में फसल और पशुपालन दोनों होते हैं, और निर्वाह कृषि अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में होती है।
(iv) उपलब्ध कच्चे माल का रूप बदलकर उसे मूल्यवान बनाना कौनसी क्रिया का हिस्सा है -
उत्तर: (B) द्वितीयक (Secondary)
व्याख्या: द्वितीयक क्रियाओं में कच्चे माल को मूल्यवान उत्पादों में बदला जाता है। इसमें विनिर्माण (Manufacturing) और उद्योग शामिल हैं। प्राथमिक क्रियाएं कच्चे माल का उत्पादन करती हैं, तृतीयक सेवाएं प्रदान करती हैं, और चतुर्थक ज्ञान आधारित होती हैं।
(v) विश्व का सघनतम रेलतंत्र कहाँ मिलता है?
उत्तर: (A) यूरोप (Europe)
व्याख्या: यूरोप में विश्व का सबसे सघन और विकसित रेल नेटवर्क है। बेल्जियम में विश्व का सर्वाधिक सघन रेल तंत्र है। यूरोप के औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण यहां रेलवे का अधिक विकास हुआ।
(vi) भारत की पहली जनगणना कब हुई थी?
उत्तर: (B) 1881
व्याख्या: भारत में पहली सुव्यवस्थित और नियमित जनगणना 1881 में हुई थी। हालांकि 1872 में भी एक जनगणना की गई थी, लेकिन वह पूर्ण नहीं थी। 1881 के बाद से हर 10 साल में नियमित जनगणना होती है।
(vii) पान्ना, पाड़ा, पाली, नगला इत्यादि किसके प्रकार हैं?
उत्तर: (C) गुच्छित बस्तियां (Clustered Settlements)
व्याख्या: ये सभी गुच्छित या संकुलित ग्रामीण बस्तियों के स्थानीय नाम हैं। गुच्छित बस्तियों में घर एक साथ समूह में होते हैं। विभिन्न क्षेत्रों में इन्हें अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है - पन्ना (मध्य भारत), पाड़ा (महाराष्ट्र), पाली (राजस्थान), नगला (उत्तर प्रदेश)।
(viii) रबी की फसल है -
उत्तर: (D) सरसों (Mustard)
व्याख्या: रबी की फसलें अक्टूबर-नवंबर में बोई जाती हैं और मार्च-अप्रैल में काटी जाती हैं। सरसों एक प्रमुख रबी फसल है। अन्य रबी फसलें हैं - गेहूं, जौ, चना, मटर। चावल और बाजरा खरीफ की फसलें हैं, जबकि कपास जायद/खरीफ फसल है।
(ix) वे सड़कें जिन्हें केन्द्र सरकार द्वारा निर्मित व अनुरक्षित किया जाता है कहलाती हैं -
उत्तर: (A) राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highways)
व्याख्या: राष्ट्रीय राजमार्ग केंद्र सरकार द्वारा बनाए और बनाए रखे जाते हैं। ये देश के प्रमुख शहरों को जोड़ते हैं। राज्य राजमार्ग राज्य सरकारों द्वारा, जिला सड़कें जिला परिषदों द्वारा, और ग्रामीण सड़कें ग्राम पंचायतों द्वारा बनाई जाती हैं।
(x) समय के दो अंतरालो के बीच एक क्षेत्र विशेष में होने वाले जनसंख्या परिवर्तन को जाना जाता है?
उत्तर: (C) जनसंख्या वृद्धि (Population growth)
व्याख्या: जनसंख्या वृद्धि एक निश्चित अवधि में जनसंख्या में होने वाला परिवर्तन है। यह धनात्मक (वृद्धि) या ऋणात्मक (कमी) हो सकती है। जनसंख्या प्रवास स्थानांतरण है, घनत्व प्रति इकाई क्षेत्र में जनसंख्या है, और वितरण भौगोलिक फैलाव है।
(xi) मलेशिया व इंडोनेशिया में की जाने वाली स्थानांतरित कृषि का क्या नाम है?
उत्तर: (D) लादांग (Ladang)
व्याख्या: स्थानांतरित कृषि (Shifting cultivation) को विभिन्न क्षेत्रों में अलग नामों से जाना जाता है: - लादांग (Ladang): मलेशिया और इंडोनेशिया - झूमिंग (Jhuming): पूर्वोत्तर भारत - मिल्पा (Milpa): मध्य अमेरिका और मेक्सिको - रोका (Roca): ब्राजील
(xii) वृहत झील आंतरिक जलमार्ग स्थित है -
उत्तर: (A) उत्तरी अमेरिका (North America)
व्याख्या: वृहत झील (Great Lakes) जलमार्ग उत्तरी अमेरिका में USA और कनाडा के बीच स्थित है। इसमें पांच बड़ी झीलें हैं - सुपीरियर, मिशिगन, ह्यूरन, इरी और ओंटारियो। यह विश्व का सबसे बड़ा मीठे पानी का तंत्र है और महत्वपूर्ण जल परिवहन मार्ग है।
(xiii) भारतीय जनगणना में ऋणात्मक वृद्धि दर वाला दशक है -
उत्तर: (B) 1911-1921
व्याख्या: 1911-1921 का दशक भारतीय जनगणना इतिहास में एकमात्र दशक था जब जनसंख्या में कमी आई। इसके मुख्य कारण थे: 1. प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) 2. स्पेनिश फ्लू महामारी (1918-1919) - लाखों मौतें 3. अकाल और प्लेग 4. प्रवासन इस दशक में जनसंख्या वृद्धि दर लगभग -0.31% थी।
(xiv) अपरंपरागत ऊर्जा स्रोत है -
उत्तर: (D) सौर ऊर्जा (Solar Energy)
व्याख्या: अपरंपरागत या नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में शामिल हैं: - सौर ऊर्जा (Solar) - पवन ऊर्जा (Wind) - जल विद्युत (Hydro) - जैव ऊर्जा (Bio) - भूतापीय ऊर्जा (Geothermal) कोयला, पेट्रोल और प्राकृतिक गैस परंपरागत/गैर-नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हैं जो समाप्त हो सकते हैं।
(xv) भारत के सड़क जाल का विश्व में स्थान है -
उत्तर: (B) दूसरा (Second)
व्याख्या: भारत का सड़क तंत्र विश्व में दूसरा सबसे बड़ा है। लगभग 63 लाख किलोमीटर लंबाई के साथ भारत अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। भारत में सड़कें सबसे महत्वपूर्ण परिवहन साधन हैं और देश के 85% यात्री और 70% माल परिवहन सड़कों से होता है।
(xvi) चमड़ा, लुगदी व कागज, वस्त्र तथा रसायन उद्योग प्रमुखत: कौनसे प्रदूषण के कारक हैं -
उत्तर: (A) जल (Water)
व्याख्या: ये उद्योग मुख्य रूप से जल प्रदूषण के कारक हैं क्योंकि: - चमड़ा उद्योग: क्रोमियम और अन्य रसायन छोड़ता है - लुगदी और कागज: लिग्निन और अन्य कार्बनिक पदार्थ - वस्त्र उद्योग: रंग और रासायनिक अपशिष्ट - रसायन उद्योग: विषैले रसायन और भारी धातुएं ये सभी अपने अपशिष्ट जल स्रोतों में छोड़ते हैं, जिससे गंभीर जल प्रदूषण होता है।
प्रश्न 2: रिक्त स्थानों की पूर्ति (Fill in the Blanks)
(i) ............... ने नवनिश्चयवाद संकल्पना प्रस्तुत की &
उत्तर: ग्रिफिथ टेलर (Griffith Taylor)
व्याख्या: ग्रिफिथ टेलर ऑस्ट्रेलियाई भूगोलवेत्ता थे जिन्होंने नवनिश्चयवाद (Neo-Determinism) या रुको और जाओ निश्चयवाद (Stop and Go Determinism) की अवधारणा दी। यह पर्यावरण निश्चयवाद और संभववाद के बीच का मार्ग है।
(ii) भौतिक भूगोल ............... पर्यावरण का अध्ययन करता है &
उत्तर: प्राकृतिक (Natural)
व्याख्या: भौतिक भूगोल प्राकृतिक पर्यावरण - स्थलमंडल, जलमंडल, वायुमंडल और जैवमंडल का अध्ययन करता है। इसमें भू-आकृति विज्ञान, जलवायु विज्ञान, समुद्र विज्ञान आदि शामिल हैं।
(iii) जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं तो वह स्थान जहाँ से लोग गमन करते हैं ......... कहलाता है &
उत्तर: उद्गम स्थान या प्रतिकर्षण स्थान (Origin/Source Place)
व्याख्या: प्रवास में दो स्थान होते हैं - उद्गम स्थान (Origin) जहाँ से लोग जाते हैं और गंतव्य स्थान (Destination) जहाँ लोग आते हैं। उद्गम स्थान में प्रतिकर्षक कारक होते हैं।
(iv) जनवरी 1995 से गैट (GATT) को ........... में रूपांतरित कर दिया गया &
उत्तर: WTO (विश्व व्यापार संगठन / World Trade Organization)
व्याख्या: GATT (General Agreement on Tariffs and Trade) 1947 में बना था। 1 जनवरी 1995 को इसे WTO में बदल दिया गया। WTO एक स्थायी संगठन है जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियमित करता है। इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है।
(v) जल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे तरल एवं गैसीय पदार्थों के परिवहन के लिए ......... का प्रयोग किया जाता है &
उत्तर: पाइपलाइन (Pipeline)
व्याख्या: पाइपलाइन परिवहन का सबसे सुविधाजनक और किफायती साधन है तरल और गैसीय पदार्थों के लिए। यह मौसम से प्रभावित नहीं होता और निरंतर परिवहन संभव है। पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, पानी, दूध आदि पाइपलाइन से ले जाए जाते हैं।
(vi) सन् 2011 की जनगणना के अनुसार ............. भारत का द्वितीय सघनतम जनसंख्या वाला राज्य था &
उत्तर: केरल (Kerala)
व्याख्या: 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या घनत्व में: 1. बिहार - 1,102 व्यक्ति/वर्ग किमी (प्रथम) 2. केरल - 859 व्यक्ति/वर्ग किमी (द्वितीय) 3. पश्चिम बंगाल - 1,029 व्यक्ति/वर्ग किमी राष्ट्रीय औसत घनत्व 382 व्यक्ति/वर्ग किमी है।
(vii) भारत में नगरों का अभ्युदय ............... काल से हुआ है &
उत्तर: हड़प्पा/सिंधु घाटी सभ्यता (Harappan/Indus Valley Civilization)
व्याख्या: भारत में नगरीकरण की शुरुआत सिंधु घाटी सभ्यता (2500-1500 ईसा पूर्व) से हुई। हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल जैसे सुनियोजित नगर थे। बाद में मौर्य और गुप्त काल में भी नगरों का विकास हुआ।
(viii) खरीफ की फसलें ................ मानसून के साथ बोयी जाती हैं &
उत्तर: दक्षिण-पश्चिम (South-West Monsoon)
व्याख्या: खरीफ की फसलें जून-जुलाई में दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश के साथ बोई जाती हैं और सितंबर-अक्टूबर में काटी जाती हैं। प्रमुख खरीफ फसलें हैं - चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार, कपास, मूंगफली, जूट।
(ix) धरातलीय और भौम जल का सर्वाधिक उपयोग ............. में होता है &
उत्तर: कृषि (Agriculture)
व्याख्या: भारत में कुल जल उपयोग का लगभग 80-85% कृषि में होता है, मुख्यतः सिंचाई के लिए। घरेलू उपयोग लगभग 5-8% और औद्योगिक उपयोग 7-10% है। भारत एक कृषि प्रधान देश होने के कारण सिंचाई के लिए बहुत पानी चाहिए।
(x) हेमेटाइट व मैग्नेटाइट ............ के अयस्क हैं &
उत्तर: लोहा (Iron)
व्याख्या: हेमेटाइट और मैग्नेटाइट लोहे के दो प्रमुख अयस्क हैं: - हेमेटाइट (Fe₂O₃): सबसे महत्वपूर्ण, 60-70% लोहा, लाल रंग - मैग्नेटाइट (Fe₃O₄): सर्वोत्तम गुणवत्ता, 70% लोहा, काला और चुंबकीय भारत में ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
प्रश्न 3: अति लघुउत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type)
(i) जनसंख्या प्रवास क्या है? (1 अंक)
उत्तर: जनसंख्या प्रवास लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थायी या अस्थायी रूप से स्थानांतरण है। यह आंतरिक (देश के भीतर) या अंतर्राष्ट्रीय (देशों के बीच) हो सकता है। प्रवास आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक या पर्यावरणीय कारणों से होता है।
(ii) द्वि-पार्श्विक व्यापार को परिभाषित कीजिए & (1 अंक)
उत्तर: द्वि-पार्श्विक व्यापार (Bilateral Trade) दो देशों के बीच होने वाला व्यापार है जिसमें दोनों देश एक-दूसरे से वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान करते हैं। इसमें दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते होते हैं जो टैरिफ, कोटा और अन्य व्यापार नियमों को नियंत्रित करते हैं। उदाहरण: भारत-जापान द्विपक्षीय व्यापार।
(iii) मानव निर्मित नौ वाहन नहर कौनसी है जिसमें जलबंधक तंत्र मिलता है & (1 अंक)
उत्तर: पनामा नहर (Panama Canal) एक मानव निर्मित नहर है जिसमें जलबंधक (Locks) तंत्र है। यह प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर को जोड़ती है। लॉक्स की सहायता से जहाजों को ऊंचाई पर ले जाया जाता है। यह 82 किमी लंबी है और 1914 में बनकर तैयार हुई थी।
अन्य उदाहरण: सू नहर (Soo Canal) - अमेरिका-कनाडा
(iv) सुदूर जंगलों तथा पहाड़ी ढलानों पर एकाकी झोंपड़ियों के रूप में विकसित होने वाली बस्तियों को क्या नाम दिया गया है? (1 अंक)
उत्तर: पृथक्कृत बस्तियां (Isolated or Dispersed Settlements) या प्रकीर्ण बस्तियां। इनमें घर दूर-दूर होते हैं और एक-दूसरे से अलग। ये पहाड़ी क्षेत्रों, घने जंगलों या कम उपजाऊ भूमि पर पाई जाती हैं। प्रत्येक परिवार अपने खेत के पास रहता है।
(v) मानव विकास सूचकांक से आप क्या समझते हैं? (1 अंक)
उत्तर: मानव विकास सूचकांक (Human Development Index - HDI) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा तैयार एक समग्र सूचकांक है जो तीन आयामों पर आधारित है: 1. स्वास्थ्य: जीवन प्रत्याशा 2. शिक्षा: साक्षरता और नामांकन दर 3. जीवन स्तर: प्रति व्यक्ति आय HDI 0 से 1 के बीच होता है, जहां 1 सर्वोच्च विकास दर्शाता है।
(vi) जल परिवहन सस्ता क्यों है? (1 अंक)
उत्तर: जल परिवहन सबसे सस्ता है क्योंकि: 1. प्राकृतिक मार्ग: नदियों और समुद्रों पर कोई निर्माण खर्च नहीं 2. कम ईंधन: पानी में घर्षण कम होने से कम ऊर्जा चाहिए 3. बड़ी मात्रा: एक बार में बहुत माल ले जा सकते हैं 4. कम रखरखाव: जहाजों का रखरखाव अपेक्षाकृत सस्ता 5. लंबी दूरी: दूर तक एक यात्रा में माल ले जाया जा सकता है
(vii) एक उत्तरदायी नागरिक होने के नाते मानव-जनित भू-निम्नीकरण प्रक्रिया को कैसे रोकेंगे? (1 अंक)
उत्तर: मानव-जनित भू-निम्नीकरण रोकने के उपाय: 1. वनीकरण: अधिक पेड़ लगाना 2. मृदा संरक्षण: समोच्च जुताई, सीढ़ीदार खेती 3. जल प्रबंधन: उचित सिंचाई, जल संचयन 4. रासायनिक उपयोग कम करना: जैविक खेती अपनाना 5. अतिचारण रोकना: पशुओं की संख्या नियंत्रित करना 6. जागरूकता: लोगों को शिक्षित करना 7. कानूनों का पालन: पर्यावरण नियमों का पालन
खंड - ब (Section B)
लघुउत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type - 1.5 अंक प्रत्येक)
प्रश्न 4: आर्थिक भूगोल के दो उपक्षेत्रों के नाम लिखिए। (¾ + ¾ = 1½)
उत्तर: आर्थिक भूगोल के प्रमुख उपक्षेत्र हैं:
1. संसाधन भूगोल (Resource Geography): यह प्राकृतिक संसाधनों - खनिज, वन, जल, मृदा आदि के वितरण, उपयोग और संरक्षण का अध्ययन करता है। इसमें नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय संसाधनों का विश्लेषण शामिल है।
2. कृषि भूगोल (Agricultural Geography): यह विभिन्न प्रकार की कृषि, फसल प्रतिरूप, कृषि क्षेत्रों, कृषि उत्पादकता और कृषि विकास का अध्ययन करता है। भूमि उपयोग, सिंचाई और कृषि तकनीक इसके मुख्य विषय हैं।
अन्य उपक्षेत्र:
- औद्योगिक भूगोल: उद्योगों का स्थानीयकरण और वितरण
- व्यापार भूगोल: वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार
- परिवहन भूगोल: परिवहन मार्ग और नेटवर्क
- पर्यटन भूगोल: पर्यटन स्थलों और उद्योग का अध्ययन
प्रश्न 5: कोलखोज क्या है? (1½)
उत्तर: कोलखोज (Kolkhoz) पूर्व सोवियत संघ (USSR) में सामूहिक कृषि का एक प्रकार था।
मुख्य विशेषताएं:
- सामूहिक स्वामित्व: भूमि सामूहिक रूप से किसानों के समूह के स्वामित्व में होती थी
- सामूहिक कार्य: सभी सदस्य मिलकर खेती करते थे
- लाभ वितरण: उत्पादन का लाभ सभी सदस्यों में बांटा जाता था
- राज्य नियंत्रण: सरकार द्वारा नियंत्रित और निर्देशित
- आधुनिक तकनीक: मशीनीकृत खेती का उपयोग
उद्देश्य: कृषि उत्पादन बढ़ाना और छोटे किसानों को संगठित करना। 1920-30 के दशक में स्टालिन के नेतृत्व में शुरू हुआ।
तुलना: सोवखोज (Sovkhoz) राज्य के स्वामित्व वाली कृषि थी जहां किसान वेतन पर काम करते थे।
प्रश्न 6: पशु आधारित दो उद्योगों के नाम लिखिए। (¾ + ¾ = 1½)
उत्तर: पशु आधारित (कृषि-आधारित) उद्योग:
1. चमड़ा उद्योग (Leather Industry):
- कच्चा माल: पशुओं की खाल (गाय, भैंस, भेड़, बकरी)
- उत्पाद: जूते, बैग, बेल्ट, जैकेट, सोफा कवर
- प्रमुख केंद्र: कानपुर, आगरा, कोलकाता, चेन्नई, अंबूर
- भारत विश्व में चमड़े का बड़ा निर्यातक
2. ऊनी वस्त्र उद्योग (Woolen Textile Industry):
- कच्चा माल: भेड़ की ऊन
- उत्पाद: स्वेटर, शॉल, कंबल, कालीन, कोट
- प्रमुख केंद्र: लुधियाना, अमृतसर, श्रीनगर, कुल्लू, जयपुर
- कश्मीरी शॉल और पश्मीना विश्व प्रसिद्ध
अन्य उदाहरण:
- डेयरी उद्योग: दूध, मक्खन, पनीर, घी
- मांस प्रसंस्करण: पैकेज्ड मीट, सॉसेज
- रेशम उद्योग: रेशम के कीड़ों से रेशम
प्रश्न 7: भारत में बोले जाने वाले किन्हीं तीन भाषा परिवारों के नाम लिखिए। (½ + ½ + ½ = 1½)
उत्तर: भारत में चार मुख्य भाषा परिवार हैं:
1. इंडो-आर्यन/भारतीय-आर्य परिवार (Indo-Aryan Family):
- भाषाएं: हिंदी, बंगाली, मराठी, गुजराती, पंजाबी, उड़िया, असमिया
- क्षेत्र: उत्तर और मध्य भारत
- जनसंख्या: लगभग 73% भारतीय
- मूल: संस्कृत से विकसित
2. द्रविड़ परिवार (Dravidian Family):
- भाषाएं: तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम
- क्षेत्र: दक्षिण भारत
- जनसंख्या: लगभग 20% भारतीय
- प्राचीनतम भाषा परिवार
3. ऑस्ट्रो-एशियाटिक परिवार (Austro-Asiatic Family):
- भाषाएं: संथाली, मुंडारी, हो, खासी
- क्षेत्र: झारखंड, ओडिशा, मेघालय, पश्चिम बंगाल
- जनसंख्या: लगभग 1-2% (आदिवासी समुदाय)
4. चीनी-तिब्बती परिवार (Sino-Tibetan Family):
- भाषाएं: बोडो, मणिपुरी, नागा, मिज़ो
- क्षेत्र: पूर्वोत्तर भारत, हिमालयी क्षेत्र
- जनसंख्या: लगभग 1% भारतीय
प्रश्न 8: शुष्क भूमि कृषि किसे कहते हैं? (1½)
उत्तर: शुष्क भूमि कृषि (Dry Land Farming) कम वर्षा वाले क्षेत्रों (50-75 सेमी वार्षिक) में बिना सिंचाई के की जाने वाली कृषि है।
मुख्य विशेषताएं:
- वर्षा पर निर्भर: केवल मानसून की बारिश पर आधारित
- नमी संरक्षण: मिट्टी में नमी बनाए रखने की तकनीक
- सूखा प्रतिरोधी फसलें: ज्वार, बाजरा, मूंगफली, दलहन
- कम उत्पादकता: सिंचित कृषि से कम उपज
प्रमुख क्षेत्र (भारत में):
- राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र का पश्चिमी भाग
- कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के पठारी क्षेत्र
- मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से
नमी संरक्षण की विधियां:
- गहरी जुताई
- मल्चिंग (भूमि ढकना)
- समोच्च जुताई
- फसल चक्र
- शीघ्र पकने वाली किस्में
महत्व: भारत के 68% कृषि क्षेत्र में शुष्क भूमि कृषि होती है।
प्रश्न 9: जलप्रदूषण के दुष्परिणाम बताइए। (1½)
उत्तर: जलप्रदूषण के गंभीर दुष्परिणाम:
1. स्वास्थ्य पर प्रभाव:
- जलजनित रोग: हैजा, टाइफाइड, पेचिश, हेपेटाइटिस
- त्वचा रोग और एलर्जी
- भारी धातुओं से कैंसर (आर्सेनिक, सीसा)
- बच्चों में कुपोषण और मृत्यु दर
2. जलीय जीवन पर प्रभाव:
- मछलियों और अन्य जलीय जीवों की मृत्यु
- सुपोषण (Eutrophication) - ऑक्सीजन की कमी
- जैव विविधता का नुकसान
- खाद्य श्रृंखला में विषाक्त पदार्थ
3. आर्थिक प्रभाव:
- मत्स्य पालन उद्योग को नुकसान
- पानी शुद्धिकरण की उच्च लागत
- कृषि उत्पादकता में कमी
- पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव
4. पर्यावरणीय प्रभाव:
- जल स्रोतों का प्रदूषण - नदियां, झीलें, भूजल
- पारिस्थितिक तंत्र का असंतुलन
- दुर्गंध और सौंदर्य हानि
- प्रवाल भित्तियों (Coral reefs) का नष्ट होना
5. कृषि पर प्रभाव:
- मृदा प्रदूषण
- फसलों में विषाक्त पदार्थ
- उत्पादकता में कमी
प्रश्न 10: रेल पटरी की चौड़ाई के आधार पर भारतीय रेलवे के कौन-कौन से वर्ग बनाए गए हैं? (1½)
उत्तर: भारतीय रेलवे में पटरी की चौड़ाई के आधार पर तीन मुख्य वर्ग हैं:
1. ब्रॉड गेज (Broad Gauge):
- चौड़ाई: 1.676 मीटर (5 फीट 6 इंच)
- प्रतिशत: लगभग 90% रेल नेटवर्क
- विशेषता: सबसे अधिक प्रयोग, तेज गति, अधिक क्षमता
- मार्ग: मुख्य रेल मार्ग, ट्रंक लाइन, राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस
2. मीटर गेज (Meter Gauge):
- चौड़ाई: 1.00 मीटर (3 फीट 3⅜ इंच)
- प्रतिशत: लगभग 7% (घट रहा है)
- विशेषता: छोटे शहरों को जोड़ता था
- स्थिति: धीरे-धीरे ब्रॉड गेज में परिवर्तित हो रहा है
3. नैरो गेज (Narrow Gauge):
- चौड़ाई: 0.762 मीटर और 0.610 मीटर (2 फीट 6 इंच और 2 फीट)
- प्रतिशत: लगभग 3%
- उपयोग: पहाड़ी क्षेत्र, कठिन भूभाग
- उदाहरण: - दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (टॉय ट्रेन) - कालका-शिमला रेलवे - नीलगिरि माउंटेन रेलवे (UNESCO विरासत)
वर्तमान नीति: सभी रेल लाइनों को ब्रॉड गेज में बदलने का प्रयास (Project Unigauge)।
प्रश्न 11: समुद्री पत्तनों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रवेश द्वार क्यों कहते हैं? (1½)
उत्तर: समुद्री पत्तनों (Sea Ports) को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रवेश द्वार (Gateway) कहा जाता है क्योंकि:
1. व्यापार का केंद्र बिंदु:
- आयात-निर्यात का 90% समुद्री मार्ग से होता है
- विदेशी माल का प्रवेश और निर्यात का निकास
- सभी अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक जहाज यहीं आते हैं
2. कनेक्टिविटी:
- देश को विश्व व्यापार से जोड़ते हैं
- विभिन्न महाद्वीपों तक पहुंच
- रेल, सड़क से अंतर्देशीय क्षेत्रों से जुड़े
3. आर्थिक गतिविधियां:
- सीमा शुल्क (Customs) की सुविधा
- माल का भंडारण (Warehousing)
- पैकेजिंग और प्रसंस्करण
- बैंकिंग और बीमा सेवाएं
4. रणनीतिक महत्व:
- राष्ट्रीय सुरक्षा
- नौसेना के लिए महत्वपूर्ण
- आपातकालीन आपूर्ति
5. औद्योगिक विकास:
- पत्तनों के आसपास उद्योग विकसित होते हैं
- रोजगार के अवसर
- शहरीकरण
भारत के प्रमुख पत्तन: मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, विशाखापत्तनम, कोचीन, कांडला - सभी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के द्वार हैं।
प्रश्न 12: प्रवास के पीछे लोगों के क्या-क्या उद्देश्य रहते हैं? (1½)
उत्तर: प्रवास के प्रमुख उद्देश्य और कारण:
1. आर्थिक उद्देश्य (सबसे महत्वपूर्ण):
- रोजगार: बेहतर नौकरी के अवसर खोजना
- उच्च आय: अधिक वेतन और जीवन स्तर
- व्यापार: व्यवसाय के अवसर
- कृषि भूमि: बेहतर कृषि भूमि
2. सामाजिक उद्देश्य:
- शिक्षा: बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं
- स्वास्थ्य: उन्नत चिकित्सा सुविधाएं
- विवाह: शादी के बाद स्थानांतरण (विशेषकर महिलाएं)
- परिवार: परिवार के साथ रहना
3. राजनीतिक कारण:
- युद्ध और संघर्ष से बचना
- राजनीतिक शरण
- विभाजन (1947 भारत-पाकिस्तान)
- सरकारी नीतियां
4. पर्यावरणीय कारण:
- प्राकृतिक आपदाएं - बाढ़, सूखा, भूकंप
- जलवायु परिवर्तन
- संसाधनों की कमी
- भूमि क्षरण
5. मनोवैज्ञानिक कारण:
- जीवन शैली में बदलाव की इच्छा
- शहरी सुविधाओं का आकर्षण
- सामाजिक प्रतिष्ठा
- साहसिक भावना
6. जनसांख्यिकीय कारण:
- जनसंख्या दबाव
- भूमि का छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजन
- बेरोजगारी
प्रश्न 13: "ट्रक कृषि" पर टिप्पणी लिखिए। (1½)
उत्तर: ट्रक कृषि (Truck Farming) एक विशेष प्रकार की व्यावसायिक कृषि है।
परिभाषा: शहरी बाजारों की मांग को पूरा करने के लिए ताजी सब्जियों, फलों और फूलों का उत्पादन।
मुख्य विशेषताएं:
- स्थान: बड़े शहरों के निकट (10-100 किमी)
- फसलें: शीघ्र नष्ट होने वाली (Perishable) - टमाटर, खीरा, पत्तागोभी, फूलगोभी, सलाद
- परिवहन: ट्रक द्वारा तेजी से बाजार तक पहुंचाना (इसलिए नाम "ट्रक कृषि")
- गहन कृषि: छोटे खेत, अधिक श्रम, उच्च उत्पादकता
- सिंचाई: कृत्रिम सिंचाई आवश्यक
- उर्वरक: रासायनिक खाद का अधिक उपयोग
प्रमुख क्षेत्र:
- भारत: दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, पुणे के आसपास
- विदेश: USA (कैलिफोर्निया), नीदरलैंड, इज़राइल
आधुनिक तकनीक:
- ग्रीनहाउस और पॉलीहाउस
- हाइड्रोपोनिक्स (बिना मिट्टी की खेती)
- ड्रिप सिंचाई
- शीतगृह (Cold storage)
महत्व:
- शहरी आबादी को ताजा सब्जियां
- किसानों को अच्छी आय
- रोजगार सृजन
- कृषि विविधीकरण
चुनौतियां: उच्च लागत, बाजार की अनिश्चितता, भूमि की उच्च कीमत
खंड - स (Section C)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type - 3 अंक प्रत्येक)
प्रश्न 14: ग्रामीण विपणन केन्द्र की विशेषताएं लिखिए। (3)
उत्तर: ग्रामीण विपणन केन्द्र (Rural Marketing Centres) की प्रमुख विशेषताएं:
1. आकार और स्थान:
- छोटे आकार के केन्द्र
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित
- 5-10 गांवों को सेवा प्रदान करते हैं
- 2000-5000 जनसंख्या वाले
- कृषि क्षेत्रों के मध्य में
2. सेवाओं का स्वरूप:
- सीमित सेवाएं: केवल आवश्यक वस्तुएं
- दैनिक उपयोग की वस्तुएं: खाद्यान्न, तेल, साबुन, कपड़े
- कृषि आदान: बीज, खाद, कीटनाशक, उपकरण
- स्थानीय उत्पाद: ग्रामीण हस्तशिल्प
3. बाजार का स्वरूप:
- साप्ताहिक बाजार (हाट): सप्ताह में एक-दो बार
- अस्थायी दुकानें: खुले में या झोंपड़ियों में
- मंडियां: कृषि उपज बेचने के लिए
- छोटे व्यापारी: फेरीवाले, ठेलेवाले
4. आर्थिक कार्य:
- कृषि उत्पादों का संग्रहण
- किसानों से सीधी खरीद
- बुनियादी प्रसंस्करण - धान की कुटाई, मसाला पीसना
- थोक व्यापारियों को आपूर्ति
- कृषि ऋण की सुविधा
5. सामाजिक कार्य:
- सामाजिक मिलन का स्थान
- सूचना का आदान-प्रदान
- सांस्कृतिक कार्यक्रम
- ग्रामीण समुदाय का केंद्र
6. सुविधाएं:
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
- प्राथमिक स्कूल
- पंचायत घर
- पोस्ट ऑफिस
- बैंक/सहकारी समिति (कभी-कभी)
7. आधुनिक बदलाव:
- मोबाइल बैंकिंग और डिजिटल भुगतान
- ई-चौपाल जैसी डिजिटल सेवाएं
- कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं (धीरे-धीरे)
उदाहरण: गाँव के पास की छोटी मंडी, साप्ताहिक हाट, छोटा कस्बा
वैकल्पिक प्रश्न (OR): नगरीय बाजार केन्द्रों से क्या आशय है? संक्षिप्त में समझाइए।
उत्तर (वैकल्पिक): नगरीय विपणन केन्द्र (Urban Marketing Centres) बड़े शहरों और कस्बों में स्थित विपणन स्थल हैं।
परिभाषा: नगरीय विपणन केन्द्र वे स्थान हैं जहां विस्तृत क्षेत्र से माल एकत्र किया जाता है और बड़ी मात्रा में उपभोक्ताओं को बेचा जाता है।
प्रकार:
1. स्थानीय नगरीय केंद्र:
- छोटे शहर और कस्बे
- आसपास के गांवों को सेवा
- सीमित विशेषीकरण
2. क्षेत्रीय केंद्र:
- जिला मुख्यालय
- अधिक सेवाएं और विविधता
- थोक बाजार
3. राष्ट्रीय/महानगरीय केंद्र:
- मुंबई, दिल्ली, कोलकाता
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
- वित्तीय केंद्र
विशेषताएं:
- बड़े शॉपिंग मॉल और मार्केट
- विशिष्ट दुकानें - इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन, ज्वेलरी
- थोक बाजार और रिटेल स्टोर
- ब्रांडेड उत्पाद
- उन्नत बैंकिंग सेवाएं
प्रश्न 15: आपके अनुसार भू-उपयोग को प्रभावित करने वाले अर्थव्यवस्था के तीन परिवर्तनों को समझाइए। (1 + 1 + 1 = 3)
उत्तर: अर्थव्यवस्था में होने वाले परिवर्तन जो भू-उपयोग को प्रभावित करते हैं:
1. प्राथमिक से द्वितीयक अर्थव्यवस्था में परिवर्तन (कृषि से उद्योग):
- परिवर्तन: जैसे-जैसे देश विकसित होते हैं, कृषि से उद्योगों की ओर बदलाव होता है
- भू-उपयोग पर प्रभाव: - कृषि भूमि का औद्योगिक भूमि में परिवर्तन - कारखानों, गोदामों के लिए भूमि - परिवहन मार्ग और बुनियादी ढांचे का विस्तार - ग्रामीण क्षेत्रों का शहरी क्षेत्रों में बदलना
- उदाहरण: गुड़गांव, नोएडा में कृषि भूमि का IT पार्क में बदलना
2. शहरीकरण और सेवा क्षेत्र का विकास (तृतीयक अर्थव्यवस्था):
- परिवर्तन: सेवा क्षेत्र (बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य, IT) का बढ़ना
- भू-उपयोग पर प्रभाव: - आवासीय क्षेत्रों का विस्तार - व्यावसायिक भवन - मॉल, ऑफिस, होटल - शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थानों के लिए भूमि - मनोरंजन और पर्यटन स्थल
- उदाहरण: बैंगलोर में IT उद्योग के कारण भूमि उपयोग में बदलाव
3. वैश्वीकरण और बाजार अर्थव्यवस्था:
- परिवर्तन: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, निवेश और तकनीकी विकास
- भू-उपयोग पर प्रभाव: - निर्यात-उन्मुख कृषि (फूल, फल) में बदलाव - SEZ (विशेष आर्थिक क्षेत्र) के लिए भूमि - हवाई अड्डे, बंदरगाह का विस्तार - बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कारखाने - रियल एस्टेट में तेजी
- उदाहरण: पश्चिम बंगाल में फूलों की खेती, महाराष्ट्र में अंगूर की बागवानी
सारांश: आर्थिक विकास के साथ भूमि उपयोग अधिक गहन, विविध और मूल्यवान होता जाता है।
वैकल्पिक प्रश्न (OR): भारत में वन क्षेत्रों, गैर कृषि कार्यों तथा परती भूमि में वृद्धि के कारणों की समीक्षा कीजिए।
उत्तर (वैकल्पिक): भारत में भूमि उपयोग में परिवर्तन के कारण:
1. वन क्षेत्र में वृद्धि के कारण:
- वनीकरण कार्यक्रम: सामाजिक वानिकी, वन महोत्सव
- पर्यावरण जागरूकता: चिपको आंदोलन, संरक्षण प्रयास
- कानूनी प्रावधान: वन संरक्षण अधिनियम 1980
- अवक्रमित भूमि का वनीकरण: बंजर भूमि पर पेड़ लगाना
- नोट: वास्तव में कई क्षेत्रों में वन कम हो रहे हैं, लेकिन कागजों पर वृद्धि दिख रही है
2. गैर-कृषि कार्य में वृद्धि के कारण:
- शहरीकरण: आवासीय और व्यावसायिक भवन निर्माण
- औद्योगीकरण: कारखाने, उद्योग स्थापना
- बुनियादी ढांचा: सड़क, रेल, हवाई अड्डे, बांध
- खनन क्षेत्र: कोयला, लौह अयस्क खनन
- जनसंख्या वृद्धि: अधिक भूमि की आवश्यकता
3. परती भूमि में वृद्धि के कारण:
- मृदा अवक्रमण: भूमि की उर्वरता कम होना
- जल की कमी: सिंचाई सुविधाओं का अभाव
- लवणता और क्षारीयता: अत्यधिक सिंचाई से
- ग्रामीण से शहरी प्रवास: खेती छोड़ना
- छोटी जोत: आर्थिक रूप से अव्यवहार्य
- पारंपरिक कृषि प्रणाली: फसल चक्र में परती भूमि
चिंताएं: कृषि योग्य भूमि कम हो रही है जबकि जनसंख्या बढ़ रही है। सतत भूमि उपयोग आवश्यक है।
प्रश्न 16: भारत में सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा का वर्णन कीजिए। (1½ + 1½ = 3)
उत्तर:
1. सौर ऊर्जा (Solar Energy) - 1.5 अंक:
क्षमता और महत्व:
- भारत में प्रति वर्ष 300 स्पष्ट धूप वाले दिन
- 5000 ट्रिलियन kWh सौर ऊर्जा प्राप्त होती है
- विश्व में 4th स्थान सौर ऊर्जा उत्पादन में (2023)
- स्थापित क्षमता: लगभग 70 GW (गीगावाट)
प्रमुख क्षेत्र:
- राजस्थान: सर्वाधिक सौर ऊर्जा (भादला सोलर पार्क - विश्व का 4th सबसे बड़ा)
- गुजरात: चरणका सोलर पार्क
- कर्नाटक: पावागड़ा सोलर पार्क
- आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र
उपयोग:
- सोलर पैनल (फोटोवोल्टाइक)
- सोलर थर्मल पावर प्लांट
- सोलर कुकर, सोलर वॉटर हीटर
- ग्रामीण विद्युतीकरण
- सड़क लाइटें
लाभ:
- स्वच्छ और नवीकरणीय
- प्रदूषण रहित
- ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उपयुक्त
- कम रखरखाव
सरकारी पहल:
- जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (2010)
- लक्ष्य: 2030 तक 100 GW सौर ऊर्जा
- सब्सिडी योजनाएं
2. पवन ऊर्जा (Wind Energy) - 1.5 अंक:
क्षमता और महत्व:
- भारत विश्व में 4th स्थान पवन ऊर्जा उत्पादन में
- स्थापित क्षमता: लगभग 42 GW
- कुल नवीकरणीय ऊर्जा का 10% पवन से
प्रमुख क्षेत्र और पवन फार्म:
- तमिलनाडु: सर्वाधिक पवन ऊर्जा (मुप्पांडल, कन्याकुमारी)
- गुजरात: दूसरा स्थान (जामनगर, कच्छ)
- महाराष्ट्र: सतारा, सांगली
- कर्नाटक: चित्रदुर्ग
- राजस्थान: जैसलमेर
- आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश
अनुकूल क्षेत्र:
- तटीय क्षेत्र (समुद्री हवाएं)
- पहाड़ी दर्रे
- खुले मैदान और पठार
- जहां वायु वेग 15 km/hr से अधिक
तकनीक:
- पवन टरबाइन (Wind Turbines)
- पवन चक्की (Windmills)
- ऑफशोर पवन फार्म (समुद्र में)
लाभ:
- प्रदूषण मुक्त
- नवीकरणीय और असीमित
- ग्रामीण विकास
- कृषि भूमि पर भी संभव (टरबाइन के नीचे खेती)
चुनौतियां:
- उच्च प्रारंभिक लागत
- हवा की अनिश्चितता
- पक्षियों के लिए खतरा
- ध्वनि प्रदूषण
भविष्य की योजनाएं: 2030 तक 140 GW पवन ऊर्जा का लक्ष्य
वैकल्पिक प्रश्न (OR): भारत में खनिज की किन्हीं दो पेटियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर (वैकल्पिक): भारत में खनिज संसाधन कुछ विशेष पेटियों (Belts) में केंद्रित हैं:
1. छोटानागपुर पठार पेटी (उत्तर-पूर्वी पठारी क्षेत्र) - 1.5 अंक:
विस्तार:
- झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़
- भारत की सबसे महत्वपूर्ण खनिज पेटी
प्रमुख खनिज:
- लौह अयस्क: सिंहभूम (झारखंड), मयूरभंज (ओडिशा), बैलाडिला (छत्तीसगढ़)
- कोयला: झरिया, बोकारो, रानीगंज, कोरबा, सिंगरौली
- मैंगनीज: ओडिशा, झारखंड
- बॉक्साइट: रांची, लोहरदगा
- अभ्रक: झारखंड (विश्व में प्रथम)
- ताम्बा: सिंहभूम
- चूना पत्थर, डोलोमाइट, क्रोमाइट
महत्व:
- भारी उद्योगों (इस्पात, एल्युमीनियम) का आधार
- जमशेदपुर, बोकारो, राउरकेला स्टील प्लांट
- ऊर्जा उत्पादन (ताप विद्युत)
शहर: जमशेदपुर, राँची, बोकारो, धनबाद, कोरबा, भिलाई, राउरकेला
2. दक्षिणी पठार (कर्नाटक-तमिलनाडु) पेटी - 1.5 अंक:
विस्तार:
- कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल
- पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट
प्रमुख खनिज:
- लौह अयस्क: - बाबाबूदन पहाड़ियां (कर्नाटक) - कुद्रेमुख (कर्नाटक) - एशिया की सबसे बड़ी लौह अयस्क खदान
- मैंगनीज: बेल्लारी, चित्रदुर्ग
- सोना: कोलार (कर्नाटक) - गहरी खदान, अब बंद
- बॉक्साइट: पालनी पहाड़ियां (तमिलनाडु)
- क्रोमाइट: हासन (कर्नाटक)
- लिग्नाइट: नेवेली (तमिलनाडु)
- थोरियम: केरल और तमिलनाडु के समुद्र तट (मोनाजाइट रेत)
- मैग्नेसाइट, चूना पत्थर, काओलिन
महत्व:
- लौह अयस्क निर्यात
- परमाणु ऊर्जा (थोरियम से)
- भद्रावती स्टील प्लांट
- नेवेली ताप विद्युत केंद्र
खंड - द (Section D)
निबंधात्मक प्रश्न (Essay Type - 4 अंक प्रत्येक)
प्रश्न 17: रोपण कृषि की चार फसलों के नाम लिखते हुए इस कृषि की तीन विशेषताओं का वर्णन कीजिए। (1 + 3 = 4)
उत्तर:
भाग 1: रोपण कृषि की चार प्रमुख फसलें (1 अंक):
- चाय (Tea): असम, पश्चिम बंगाल (दार्जिलिंग), तमिलनाडु (नीलगिरि), केरल
- कॉफी (Coffee): कर्नाटक (चिकमगलूर, कोडागू), केरल, तमिलनाडु
- रबड़ (Rubber): केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, अंडमान निकोबार
- गन्ना (Sugarcane): उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक
अन्य फसलें: नारियल, कपास, केला, अनानास, इलायची, काली मिर्च
भाग 2: रोपण कृषि की तीन प्रमुख विशेषताएं (3 अंक):
1. बड़े पैमाने की व्यावसायिक कृषि (Large Scale Commercial Farming):
- विशाल भूमि क्षेत्र: सैकड़ों या हजारों हेक्टेयर में फैले बागान
- पूंजी-गहन: बड़ी पूंजी निवेश की आवश्यकता
- व्यावसायिक उद्देश्य: लाभ कमाने के लिए, निर्वाह के लिए नहीं
- एकल फसल (Monoculture): एक ही फसल का उत्पादन
- कॉर्पोरेट स्वामित्व: बड़ी कंपनियों या बागान मालिकों द्वारा संचालित
- उदाहरण: टाटा चाय बागान (असम), कॉफी बोर्ड बागान (कर्नाटक)
2. उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में विकास:
- जलवायु आवश्यकता: - उच्च तापमान (20-30°C) - अधिक वर्षा (150-250 सेमी) - उच्च आर्द्रता
- उपयुक्त क्षेत्र: - पहाड़ी ढलान (चाय, कॉफी) - तटीय मैदान (नारियल, रबड़) - उपजाऊ मैदान (गन्ना)
- मृदा: गहरी, उपजाऊ, अच्छी जल निकासी
- भारतीय क्षेत्र: पश्चिमी घाट, पूर्वी हिमालय की तलहटी, पूर्वोत्तर भारत
3. आधुनिक तकनीक और कुशल प्रबंधन:
- वैज्ञानिक तरीके: - उन्नत बीज और पौध रोपण - रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक - आधुनिक सिंचाई (ड्रिप, स्प्रिंकलर) - मशीनीकरण (जहां संभव हो)
- अनुसंधान और विकास: - कृषि अनुसंधान केंद्र - रोग प्रतिरोधी किस्में - उत्पादकता बढ़ाने के प्रयोग
- बागान प्रबंधन: - प्रशिक्षित कर्मचारी और प्रबंधक - गुणवत्ता नियंत्रण - समय पर फसल कटाई
- प्रसंस्करण सुविधाएं: - बागान में ही प्रसंस्करण इकाइयां - चाय फैक्ट्री, कॉफी प्रोसेसिंग
- परिवहन: - सड़क और रेल से बाजार तक
अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएं:
- श्रम गहन: अधिक मजदूरों की आवश्यकता (चुनाई के लिए)
- निर्यात उन्मुख: उत्पादन का बड़ा हिस्सा विदेश भेजा जाता है
- औपनिवेशिक विरासत: ब्रिटिश शासन में शुरू हुई
- स्थायी कार्यबल: मजदूर बागान में ही रहते हैं
चित्र: रोपण कृषि की तीन मुख्य विशेषताएं
भारत में रोपण कृषि का महत्व:
- विदेशी मुद्रा अर्जित (निर्यात से)
- लाखों लोगों को रोजगार
- औद्योगिक कच्चा माल (रबड़, गन्ना)
- सरकारी राजस्व
वैकल्पिक प्रश्न (OR): गहन निर्वाह कृषि किसे कहते हैं? चावल प्रधान गहन निर्वहन कृषि की तीन विशेषताएं लिखिए।
उत्तर (वैकल्पिक):
गहन निर्वाह कृषि की परिभाषा (1 अंक):
गहन निर्वाह कृषि (Intensive Subsistence Agriculture) वह कृषि है जिसमें छोटी भूमि पर अधिक श्रम और पूंजी लगाकर अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया जाता है। यह मुख्यतः किसान और उसके परिवार के भरण-पोषण के लिए होती है, न कि व्यापार के लिए।
मुख्य विशेषता: छोटी जोत, अधिक जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में, परिवार के सदस्यों द्वारा श्रम
चावल प्रधान गहन निर्वाह कृषि की तीन विशेषताएं (3 अंक):
1. मानसूनी जलवायु में उच्च उत्पादकता:
- जलवायु आवश्यकता: - उच्च तापमान (20-27°C) - अधिक वर्षा (100-200 सेमी) - उच्च आर्द्रता
- भूमि का गहन उपयोग: - छोटे खेत (1-3 हेक्टेयर) - एक ही भूमि पर वर्ष में 2-3 फसलें
- उच्च उत्पादकता: - प्रति हेक्टेयर अधिक उपज - गहन कृषि तकनीक
- प्रमुख क्षेत्र: - भारत: पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश पूर्वी भाग, तटीय क्षेत्र - विदेश: बांग्लादेश, थाईलैंड, वियतनाम, जावा, चीन
2. श्रम-गहन कृषि और परिवार आधारित:
- अधिक मानव श्रम: - खेत की जुताई, रोपाई, निराई, कटाई सब हाथ से - मशीनों का कम उपयोग
- परिवार का श्रम: - मुख्यतः परिवार के सदस्य काम करते हैं - व्यस्त मौसम में बटाईदार/मजदूर
- पशु श्रम: - बैल, भैंस से जुताई और गाड़ी खींचना - पशुओं का गोबर खाद के रूप में
- महिलाओं की भागीदारी: - रोपाई, निराई, कटाई में सक्रिय
3. धान की बहु-फसली कृषि:
- चावल प्रधान: - मुख्य फसल धान (चावल) - 60-80% भूमि पर धान
- फसल चक्र: - धान-गेहूं-दलहन - धान-सब्जी-धान - वर्ष में 2-3 फसलें
- अन्य फसलें: - जूट, गन्ना, सब्जियां, दलहन
- पारंपरिक ज्ञान: - स्थानीय बीज किस्में - परंपरागत कृषि विधियां
- सिंचाई: - नहर, कुआं, नलकूप, तालाब
चित्र: चावल प्रधान गहन निर्वाह कृषि की विशेषताएं
निर्वाह कृषि के अन्य पहलू:
- पारंपरिक तकनीक: पुराने औजार, कम आधुनिकीकरण
- जैविक खाद: गोबर, हरी खाद, कम्पोस्ट
- कम बाजार निर्भरता: अधिकांश उत्पाद स्वयं उपभोग के लिए
- जोखिम: मौसम पर निर्भर, कर्ज का बोझ
प्रश्न 18: नियोजन से आप क्या समझते हो? पर्वतीय क्षेत्र के विकास के लिए तीन सुझाव दीजिए। (1 + 3 = 4)
उत्तर:
भाग 1: नियोजन (Planning) की परिभाषा (1 अंक):
नियोजन (Planning): नियोजन एक व्यवस्थित प्रक्रिया है जिसमें भविष्य के लक्ष्यों को निर्धारित करके, उपलब्ध संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करते हुए, निर्धारित समय सीमा में उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रणनीति बनाई जाती है।
नियोजन के प्रमुख तत्व:
- लक्ष्य निर्धारण: क्या हासिल करना है
- संसाधन आकलन: क्या उपलब्ध है (पूंजी, श्रम, तकनीक)
- रणनीति निर्माण: कैसे हासिल करना है
- कार्यान्वयन: योजना को लागू करना
- मूल्यांकन: प्रगति की समीक्षा
उदाहरण: पंचवर्षीय योजनाएं, नगर योजना, जिला योजना
भाग 2: पर्वतीय क्षेत्र के विकास के लिए तीन सुझाव (3 अंक):
1. परिवहन और संचार बुनियादी ढांचे का विकास:
- सड़क निर्माण: - सभी मौसम में चलने योग्य सड़कें - खतरनाक घुमावदार मार्गों को सुरक्षित बनाना - पुल और सुरंगों का निर्माण
- रोपवे और केबल कार: - दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच - पर्यटन को बढ़ावा
- हेलीपैड: - आपातकालीन सेवाओं के लिए - दुर्गम गांवों तक पहुंच
- दूरसंचार: - मोबाइल टावर - इंटरनेट कनेक्टिविटी - डिजिटल साक्षरता
- लाभ: - बाजार तक पहुंच - आपातकालीन सेवाएं (स्वास्थ्य, बचाव) - शिक्षा और रोजगार के अवसर
2. सतत कृषि और वन आधारित आजीविका को बढ़ावा:
- सीढ़ीदार खेती (Terrace Farming): - मिट्टी अपरदन रोकना - सिंचाई सुविधाओं में सुधार - मृदा संरक्षण तकनीक
- बागवानी: - सेब, अखरोट, आड़ू की खेती - औषधीय पौधे (जैसे: जड़ी-बूटी, सफेद मूसली) - मसाले (इलायची, केसर)
- वनोपज: - लघु वनोपज संग्रहण - मधुमक्खी पालन - जंगली फलों का प्रसंस्करण
- पशुपालन: - भेड़, बकरी, याक पालन - डेयरी उत्पाद
- जैविक खेती: - रासायनिक मुक्त कृषि - प्रीमियम बाजार मूल्य
- लाभ: - पर्यावरण संरक्षण - सतत आजीविका - जैव विविधता संरक्षण
3. पर्यटन का नियोजित विकास और कौशल विकास:
- इको-टूरिज्म (पर्यावरण पर्यटन): - प्राकृतिक सौंदर्य का संरक्षण - स्थानीय संस्कृति का प्रदर्शन - पर्यावरण के अनुकूल आवास (होमस्टे)
- एडवेंचर टूरिज्म: - ट्रैकिंग, पर्वतारोहण, रिवर राफ्टिंग - स्की रिसॉर्ट
- बुनियादी सुविधाएं: - स्वच्छ होटल, रेस्तरां - गाइड सेवाएं - सुरक्षा व्यवस्था
- कौशल विकास: - युवाओं को पर्यटन में प्रशिक्षण - होटल प्रबंधन - हस्तशिल्प और हथकरघा - पारंपरिक कला का संरक्षण
- रोजगार: - गाइड, पोर्टर, होटल स्टाफ - दुकानदार, टैक्सी चालक - हस्तशिल्पी
- लाभ: - रोजगार सृजन - विदेशी मुद्रा - स्थानीय उत्पादों की बिक्री - प्रवासन रोकना
चित्र: पर्वतीय क्षेत्र के संतुलित विकास के तीन स्तंभ
अतिरिक्त सुझाव:
- शिक्षा और स्वास्थ्य: स्कूल, अस्पताल, टेलीमेडिसिन
- आपदा प्रबंधन: भूस्खलन, बाढ़ की चेतावनी प्रणाली
- विद्युतीकरण: सौर और लघु जलविद्युत परियोजनाएं
- जल प्रबंधन: वर्षा जल संचयन, स्प्रिंग्स का पुनर्जीवन
- महिला सशक्तिकरण: स्वयं सहायता समूह, सूक्ष्म वित्त
निष्कर्ष: पर्वतीय क्षेत्रों का विकास पर्यावरण संरक्षण के साथ होना चाहिए। स्थानीय समुदाय की भागीदारी आवश्यक है।
वैकल्पिक प्रश्न (OR): सतत पोषणीय विकास क्या होता है? सतत पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के लिए तीन उपाय बताइए।
उत्तर (वैकल्पिक):
सतत पोषणीय विकास की परिभाषा (1 अंक):
सतत पोषणीय विकास (Sustainable Development): वह विकास जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करे, लेकिन भावी पीढ़ियों की अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता से समझौता न करे।
ब्रुंटलैंड रिपोर्ट (1987): "हमारा साझा भविष्य" - इस अवधारणा को परिभाषित किया
तीन स्तंभ:
- आर्थिक: आर्थिक विकास
- सामाजिक: सामाजिक न्याय और समानता
- पर्यावरणीय: पर्यावरण संरक्षण
सतत पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के तीन उपाय (3 अंक):
1. नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग और ऊर्जा दक्षता:
- सौर ऊर्जा: - सोलर पैनल लगाना - सोलर लाइटें, सोलर कुकर
- पवन ऊर्जा: - पवन चक्कियां - पवन फार्म
- जल विद्युत: - लघु और सूक्ष्म जलविद्युत परियोजनाएं
- बायोगैस: - गोबर गैस संयंत्र
- ऊर्जा दक्षता: - LED बल्ब - ऊर्जा बचत उपकरण - भवन डिजाइन (प्राकृतिक प्रकाश और वेंटिलेशन)
- लाभ: - जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम - CO₂ उत्सर्जन में कमी - वायु प्रदूषण कम
2. संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग और पुनर्चक्रण:
- जल संरक्षण: - वर्षा जल संचयन - ड्रिप सिंचाई - जल के अपव्यय को रोकना - अपशिष्ट जल का पुनर्उपयोग
- वन संरक्षण: - वनीकरण और पुनर्वनीकरण - सामाजिक वानिकी - वनों की कटाई रोकना
- पुनर्चक्रण (Recycling): - प्लास्टिक, कागज, धातु का पुनर्चक्रण - कम्पोस्टिंग (जैविक कचरे से खाद) - ई-कचरे का प्रबंधन
- 3R सिद्धांत: - Reduce: कम उपयोग करें - Reuse: पुनः उपयोग करें - Recycle: पुनर्चक्रण करें
- सतत उपभोग: - स्थानीय उत्पाद खरीदें - मौसमी फल और सब्जियां - कम पैकेजिंग वाले उत्पाद
- लाभ: - संसाधनों की बचत - प्रदूषण में कमी - अपशिष्ट प्रबंधन
3. पर्यावरण शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम:
- शिक्षा में पर्यावरण: - स्कूलों में पर्यावरण विषय - पर्यावरण क्लब - वृक्षारोपण कार्यक्रम - स्वच्छता अभियान
- जन जागरूकता: - मीडिया अभियान (TV, रेडियो, सोशल मीडिया) - सेमिनार और कार्यशालाएं - सामुदायिक बैठकें - पर्यावरण दिवस (5 जून)
- कौशल विकास: - जैविक खेती प्रशिक्षण - वर्मीकम्पोस्ट बनाना - ऊर्जा संरक्षण तकनीक
- सरकारी नीतियां: - पर्यावरण कानून का सख्त अनुपालन - प्रदूषण नियंत्रण - हरित तकनीक को प्रोत्साहन
- स्वयंसेवी संगठन (NGOs): - पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका
- लाभ: - व्यवहार परिवर्तन - जिम्मेदार नागरिक - सामूहिक प्रयास
सतत विकास के उदाहरण:
- जैविक खेती
- इको-टूरिज्म
- हरित भवन (Green Buildings)
- सार्वजनिक परिवहन का उपयोग
- स्थानीय खाद्य प्रणाली
- शून्य अपशिष्ट जीवन शैली
UN सतत विकास लक्ष्य (SDGs) 2030: 17 लक्ष्य - गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, जलवायु कार्रवाई आदि
निष्कर्ष: सतत विकास के लिए सरकार, समुदाय और व्यक्तियों की संयुक्त जिम्मेदारी है। हर छोटा कदम मायने रखता है।
खंड - य (Section E)
मानचित्र कार्य (Map Work - 2 अंक प्रत्येक)
प्रश्न 19: दिए गए विश्व के रेखा-मानचित्र में निम्नलिखित समुद्री पत्तनों को अंकित कीजिए - (½ + ½ + ½ + ½ = 2)
(A) मुंबई (B) न्यूयॉर्क (C) पर्थ (D) केप टाउन
उत्तर: विश्व मानचित्र पर समुद्री पत्तनों की स्थिति
चित्र: विश्व के प्रमुख समुद्री पत्तनों की स्थिति
समुद्री पत्तनों का विवरण:
पत्तन | देश | महासागर/सागर | अक्षांश/देशांतर | महत्व |
---|---|---|---|---|
(A) मुंबई | भारत | अरब सागर (हिन्द महासागर) | 19°N, 72°E | भारत का सबसे बड़ा और व्यस्ततम पत्तन। प्राकृतिक बंदरगाह। |
(B) न्यूयॉर्क | USA | अटलांटिक महासागर | 41°N, 74°W | विश्व का सबसे बड़ा वित्तीय और व्यापारिक केंद्र। |
(C) पर्थ | ऑस्ट्रेलिया | हिन्द महासागर | 32°S, 116°E | पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया का प्रमुख पत्तन। खनिज निर्यात। |
(D) केप टाउन | दक्षिण अफ्रीका | अटलांटिक + हिन्द महासागर संगम | 34°S, 18°E | अफ्रीका के दक्षिणी सिरे पर। ऐतिहासिक व्यापार मार्ग। |
मानचित्र में अंकन के बिंदु:
- प्रत्येक पत्तन को लाल बिंदु (•) से दिखाएं
- पत्तन का नाम लिखें
- देश का नाम लिखें
- महासागर का नाम लिखें
प्रश्न 20: दिए गए भारत के रेखा-मानचित्र में निम्नलिखित तेल शोधन कारखानों को अंकित कीजिए - (½ + ½ + ½ + ½ = 2)
(A) कोयली (B) बीना (C) मंगलुरु (D) चेन्नई
उत्तर: भारत मानचित्र पर तेल शोधन कारखाने
चित्र: भारत में प्रमुख तेल शोधनशालाओं की स्थिति
तेल शोधनशालाओं का विस्तृत विवरण:
शोधनशाला | राज्य/शहर | स्थापना | क्षमता | कच्चा तेल स्रोत |
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(A) कोयली | गुजरात (वडोदरा) | 1962 | 13.7 MMTPA | मुंबई हाई, आयातित |
(B) बीना | मध्य प्रदेश (सागर) | 2011 | 6.0 MMTPA | सलाया (गुजरात) से पाइपलाइन |
(C) मंगलुरु | कर्नाटक (MRPL) | 1988 | 15.0 MMTPA | मध्य पूर्व से आयात |
(D) चेन्नई | तमिलनाडु (CPCL) | 1969 | 10.5 MMTPA | मुंबई हाई, आयातित |
नोट: MMTPA = Million Metric Tonnes Per Annum (प्रति वर्ष लाख मीट्रिक टन)
अन्य प्रमुख शोधनशालाएं (संदर्भ के लिए):
- उत्तर: मथुरा (UP), पानीपत (हरियाणा), बरौनी (बिहार)
- पूर्व: हल्दिया (पश्चिम बंगाल), गुवाहाटी, डिगबोई, नुमालीगढ़ (असम)
- पश्चिम: जामनगर (गुजरात - विश्व की सबसे बड़ी)
- दक्षिण: कोच्चि (केरल), विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश)
मानचित्र अंकन के महत्वपूर्ण बिंदु:
- तेल शोधनशाला को विशेष प्रतीक (● + □) से दिखाएं
- शोधनशाला का नाम स्पष्ट लिखें
- राज्य का नाम जरूर लिखें
- पाइपलाइन नेटवर्क दिखाएं (यदि पूछा गया हो)
- उत्तर दिशा (Compass) अवश्य दिखाएं
🎉 प्रश्न पत्र पूर्ण हुआ 🎉
कुल प्रश्न: 20 | कुल अंक: 56
खंड अ: 1-3 | खंड ब: 4-13 | खंड स: 14-16