RBSE Class 12 Hindi Literature 2024 | SS-21 Complete Paper PDF Download

| अक्टूबर 22, 2025
उच्च माध्यमिक परीक्षा 2024 - हिन्दी साहित्य (SS-21) - पूर्ण प्रश्न पत्र
उच्च माध्यमिक परीक्षा 2024
विषय हिन्दी साहित्य
पेपर कोड SS–21–Hindi Sah.
समय 3 घंटे 15 मिनट
पूर्णांक 80
कुल प्रश्न 22
बोर्ड राजस्थान बोर्ड
वर्ष 2024

उच्च माध्यमिक परीक्षा, 2024

हिन्दी साहित्य (SS–21) - संपूर्ण प्रश्न पत्र

SS-21 हिन्दी साहित्य राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा उच्च माध्यमिक परीक्षा 2024 के लिए आयोजित हिन्दी साहित्य का प्रश्न पत्र है। इस विस्तृत दस्तावेज़ में सभी 22 प्रश्नों के पूर्ण उत्तर हिन्दी में और सहायक संकेत अंग्रेजी में दिए गए हैं।

परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश

  1. परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  2. सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य हैं।
  3. प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
  4. जिन प्रश्नों में आन्तरिक खंड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
  5. प्रश्न का उत्तर लिखने से पूर्व प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें।

खंड - अ (30 अंक)

प्रश्न 1: बहुविकल्पीय प्रश्न [12×1=12]

i) "धर्म के रहस्य की इच्छा प्रत्येक मनुष्य न करे, जो कहा जाए वही कान डालकर सुन ले।" इसे समझाने के किसका दृष्टान्त दिया गया?

  • अ) घड़ी का ब) घड़े का स) जीवन का द) मन का

✍️ उत्तर: ब) घड़े का

💡 Hint: Ghada (pot) analogy used in the text

ii) शेर किसकी मुद्रा में बैठा हुआ था?

  • अ) राम की मुद्रा ब) कृष्ण की मुद्रा स) गौतम बुद्ध की मुद्रा द) महावीर की मुद्रा

✍️ उत्तर: स) गौतम बुद्ध की मुद्रा

💡 Hint: Buddha's meditative posture

iii) "वसंत आया" कविता के रचनाकार हैं -

  • अ) केदारनाथ सिंह ब) रघुवीर सहाय स) जयशंकर प्रसाद द) अज्ञेय

✍️ उत्तर: स) जयशंकर प्रसाद

💡 Hint: Jayshankar Prasad - Chhayavad poet

iv) "भरत-राम का प्रेम" पाठ तुलसी की किस रचना से लिया गया है?

  • अ) विनयपत्रिका ब) कवितावली स) गीतावली द) रामचरितमानस

✍️ उत्तर: द) रामचरितमानस

💡 Hint: Ramcharitmanas - Tulsidas's epic

v) भैरों को उकसाने और भड़काने में किसकी प्रमुख भूमिका थी?

  • अ) जगधर की ब) सुभागी की स) मिठुआ की द) नायकराम की

✍️ उत्तर: स) मिठुआ की

💡 Hint: Mithua's role in instigating Bhairo

vi) "बिस्कोहर की माटी" पाठ विश्वनाथ त्रिपाठी की आत्मकथा का अंश है -

  • अ) हिन्दी आलोचना का ब) नंगतलाई गाँव का स) कब तक पुकारूँ का द) आवारा मसीहा का

✍️ उत्तर: स) कब तक पुकारूँ का

💡 Hint: "Kab Tak Pukaroon" - autobiography

vii) "कोइयाँ वही जलपुष्प है, जिसे कुमुद कहते हैं।" "बिस्कोहर की माटी" पाठ में इसका एक अन्य नाम है -

  • अ) कोका-बेली ब) कमल-कक़ड़ी स) मसीन द) कमल-पत्र

✍️ उत्तर: अ) कोका-बेली

💡 Hint: Local name for water lily/kumud

viii) "अपना मालवा खाऊँ-उजाड़ूँ सभ्यता में" पाठ जनसत्ता के किस स्तंभ से लिया गया है?

  • अ) कागद मसी ब) अपना मत स) कागद कारे द) मालवा दर्शन

✍️ उत्तर: अ) कागद मसी

💡 Hint: "Kagad Masi" - Jansatta column

ix) "दूसरी किसी विधा के लिए यह कतई जरूरी नहीं कि वह इसका सहारा ले लेकिन नाटक का इनके बिना काम नहीं चल सकता।" उपर्युक्त कथन किसके लिए कहा गया है?

  • अ) काव्य के लिए ब) कल्पना के लिए स) नायक के लिए द) संवाद के लिए

✍️ उत्तर: द) संवाद के लिए

💡 Hint: Dialogue is essential for drama/theatre

x) "यह शैली कहानी या कथा लेखन की शैली के ठीक उलटी है, जिसमें क्लाइमेक्स बिलकुल आखिर में आता है।" इस शैली को कहते हैं -

  • अ) सीधा पिरामिड शैली ब) उलटा पिरामिड शैली स) विवरणात्मक शैली द) सूचनात्मक शैली

✍️ उत्तर: ब) उलटा पिरामिड शैली

💡 Hint: Inverted pyramid style - journalism

xi) विशेष लेखन में डेस्क होता है -

  • अ) अलग-अलग विषय के समाचारों के लिए ब) सामान्य जन समुदाय के लिए
    स) व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए द) राजनीतिक समाचारों के लिए

✍️ उत्तर: अ) अलग-अलग विषय के समाचारों के लिए

💡 Hint: Specialized desks for different topics

xii) हर्ष भोगले, जसदेव सिंह, नरोत्तमपुरी किस विशेष क्षेत्र के लिए जाने जाते हैं -

  • अ) राजनीति के समाचारों के लिए ब) खेल समाचारों के लिए
    स) शिक्षा व पर्यावरण के लिए द) फिल्म व मनोरंजन के लिए

✍️ उत्तर: ब) खेल समाचारों के लिए

💡 Hint: Sports journalists

प्रश्न 2: रिक्त स्थान भरिए [6×1=6]

i) ................ काव्य का वह गुण है जिसके कारण वाक्य का अर्थ तुरंत पढ़ने के साथ ही समझ में आ जाता है।

✍️ उत्तर: माधुर्य

💡 Hint: Sweetness/clarity in poetry

ii) जब अर्थ सहज ही समझ में न आए या जहाँ अर्थ को समझने के लिए मस्तिष्क पर बहुत जोर लगाना पड़ता है, वहाँ ................ दोष होता है।

✍️ उत्तर: दुर्बोधता / क्लिष्टता

💡 Hint: Obscurity defect in poetry

iii) यह मात्रिक विषम छंद है। दोहा और रोला छंदों के मेल से ............... छंद बनता है।

✍️ उत्तर: कुण्डलिया

💡 Hint: Doha + Rola = Kundaliya meter

iv) गीतिका के आरंभ में ............... जोड़ने पर हरिगीतिका बनता है।

✍️ उत्तर: 28 मात्राओं का चरण / चार गुरु

💡 Hint: Adding 28 matras to Gitika

v) जहाँ दोनों सामान्य या दोनों विशेष वाक्यों में बिम्ब प्रतिबिम्ब भाव होता है, वहाँ ................. अलंकार होता है।

✍️ उत्तर: प्रतीप

💡 Hint: Prateep alankar - reflection figure

vi) ................ में प्रकृति को मानवी रूप दिया जाता है तथा निर्जीव पदार्थों को मनुष्यों की तरह काम करते या सुख-दुख आदि भावों से पूरित और प्रभावित दिखाया जाता है।

✍️ उत्तर: मानवीकरण अलंकार

💡 Hint: Personification - giving human qualities to nature

प्रश्न 3: अपठित गद्यांश [6×1=6]

विश्व के किसी भी देश के पास ऐसी भूमि और संसाधन नहीं हैं, जो उसे सब प्रकार से संपन्न बना सके। प्रत्येक देश को किसी न किसी आवश्यकता के लिए दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता है। परिणामस्वरूप उसे दूसरे से दबना पड़ता है और अनिवार्य रूप से अवांछित समझौते करने पड़ते हैं। हमारी तो ऐसी कोई मजबूरी नहीं है। पिछले दिनों हम इसका प्रत्यक्ष अनुभव कर चुके हैं। परमाणु परीक्षण करने के पश्चात् विश्व ने हम पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए थे। परिणाम क्या हुआ? क्या हमारे देश का कोई काम रुका? क्या देशवासियों को किसी कष्ट का सामना करना पड़ा? कभी नहीं। इराक का क्या हुआ? प्रतिबंध लगने के बाद उसे दाने-दाने के लिए तरसना पड़ा।

i) विश्व में किस देश के पास ऐसी भूमि है जो उसे सब प्रकार से संपन्न बना सके?

✍️ उत्तर: विश्व के किसी भी देश के पास ऐसी भूमि नहीं है जो उसे सब प्रकार से संपन्न बना सके।

💡 Hint: No country has complete resources

ii) किसे अवांछित समझौते करने पड़ते हैं?

✍️ उत्तर: प्रत्येक देश को दूसरे देशों पर निर्भर रहने के कारण अवांछित समझौते करने पड़ते हैं।

💡 Hint: Countries dependent on others

iii) भारत ने जब परमाणु परीक्षण किया तो क्या प्रतिक्रिया हुई?

✍️ उत्तर: भारत के परमाणु परीक्षण के बाद विश्व ने हम पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए।

💡 Hint: International sanctions imposed

iv) इराक पर प्रतिबंध लगने पर क्या हुआ?

✍️ उत्तर: इराक पर प्रतिबंध लगने के बाद उसे दाने-दाने के लिए तरसना पड़ा।

💡 Hint: Iraq suffered severely

v) किसे कष्टों का सामना नहीं करना पड़ा?

✍️ उत्तर: भारत के देशवासियों को प्रतिबंधों के बाद भी किसी कष्ट का सामना नहीं करना पड़ा।

💡 Hint: India faced no hardship

vi) प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

✍️ उत्तर: भारत की आत्मनिर्भरता / भारत का सामर्थ्य / स्वावलंबी भारत

💡 Hint: India's self-reliance

प्रश्न 4: अपठित पद्यांश [6×1=6]

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।

वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, करि किरपा अपनायो

जनम जनम की पूँजी पाई, जग में सबै खोवायो।

खरचै नहिं कोई चोर न लेवै, दिन-दिन बढ़त सवायो।

सत की नाँव खेवटिया सतगुरु, भवसागर तरि आयो।

मीराँ के प्रभु गिरिधर नागर, हरषि हरषि जस गायो

i) मीराँ ने कैसा धन पाया?

✍️ उत्तर: मीराँ ने राम रूपी रत्न का अमूल्य धन पाया है।

💡 Hint: Ram Ratan - spiritual wealth

ii) सतगुरु ने कैसी वस्तु दी?

✍️ उत्तर: सतगुरु ने अमोलक (अमूल्य/बेशकीमती) वस्तु दी है, जो कृपा करके मीरा को अपनाई।

💡 Hint: Priceless gift from Guru

iii) सब कुछ खोकर मीराँ ने कैसा धन प्राप्त किया?

✍️ उत्तर: जन्म-जन्म की पूंजी पाई है - जो खर्च करने से खत्म नहीं होती, चोर चुरा नहीं सकता और दिन-दिन बढ़ती जाती है।

💡 Hint: Eternal wealth that grows

iv) मीराँ के धन की क्या विशेषता है?

✍️ उत्तर: यह धन खर्च नहीं होता, कोई चोर इसे चुरा नहीं सकता और यह दिन-दिन बढ़ता जाता है। यह आध्यात्मिक धन है।

💡 Hint: Never depletes, grows daily

v) सत की नाँव के खेवटिया कौन हैं?

✍️ उत्तर: सत की नाव के खेवटिया (मल्लाह) सतगुरु हैं, जिन्होंने मीरा को भवसागर (संसार सागर) से पार करा दिया।

💡 Hint: Satguru as boatman

vi) प्रस्तुत पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

✍️ उत्तर: राम रतन धन / मीरा का आध्यात्मिक धन / भक्ति का अमूल्य धन

💡 Hint: Spiritual wealth theme

खंड - ब (24 अंक)

निर्देश - प्रश्न संख्या 5 से 16 तक प्रत्येक प्रश्न के लिए अधिकतम शब्द सीमा 40 शब्द हैं।

प्रश्न 5: रामचंद्र शुक्ल समवयस्क हिन्दी-प्रेमियों की मंडली में कौन-कौन थे? [2]

✍️ उत्तर:

रामचंद्र शुक्ल की समवयस्क हिन्दी-प्रेमियों की मंडली में राधाकृष्ण दास, बाबू गोपीनाथ, मास्टर रामप्रसाद, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी आदि प्रमुख थे। ये सभी मिलकर हिन्दी साहित्य की सेवा करते थे।

💡 Hint: Contemporaries of Ramchandra Shukla in Hindi literary circle

प्रश्न 6: "काबुली-कायदा" सुनते ही मोदियाइन तमककर खड़ी क्यों हो गई? संवदिया पाठ के आधार पर लिखिए। [2]

✍️ उत्तर:

"काबुली-कायदा" सुनते ही मोदियाइन तमककर इसलिए खड़ी हो गई क्योंकि उसे लगा कि काबुलीवाला उसकी बेटी को भगा ले जाएगा। काबुलीवालों के प्रति समाज में भय और संदेह की भावना थी। मोदियाइन को अपनी पुत्री की सुरक्षा की चिंता थी।

💡 Hint: Fear of Kabuliwala taking away daughter

प्रश्न 7: "सरोज स्मृति" कविता की मूल संवेदना स्पष्ट कीजिए। [2]

✍️ उत्तर:

"सरोज स्मृति" कविता की मूल संवेदना पिता का अपनी असमय मृत पुत्री के प्रति गहरा शोक और पश्चाताप है। निराला जी ने अपनी पुत्री सरोज की मृत्यु पर अपनी पीड़ा, उसके प्रति स्नेह, उसके अधूरे सपनों और अपनी विवशता को मार्मिक ढंग से व्यक्त किया है।

💡 Hint: Father's grief for deceased daughter Saroj

प्रश्न 8: "कुसुमित कानन हेरि कमलमुखि, मूदि रहए दु नयन।" काव्य पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। [2]

✍️ उत्तर:

इस पंक्ति का आशय है कि राम के वियोग में भरत ने अपने नेत्र बंद कर लिए हैं। फूलों से सुशोभित वन और कमल के समान सुंदर मुख को देखकर भी उन्होंने अपनी आँखें मूंद ली हैं। राम के बिना उन्हें कुछ भी अच्छा नहीं लगता। यह भरत की तपस्या और राम के प्रति अगाध प्रेम को दर्शाता है।

💡 Hint: Bharat closes eyes in Ram's separation

प्रश्न 9: "जगधर का मन आज खोंचा लेकर गलियों का चक्कर लगाने में न लगा।" जगधर के लिए ऐसा क्यों कहा गया? पठित पाठ के आधार पर लिखिए। [2]

✍️ उत्तर:

जगधर का मन खोंचा लेकर गलियों में घूमने में इसलिए नहीं लग रहा था क्योंकि वह सुभागी के प्रति आकर्षित हो चुका था। उसके मन में उसके प्रति प्रेम की भावना जागृत हो गई थी। वह सुभागी के बारे में ही सोचता रहता था और उसी को पाने की इच्छा करने लगा था।

💡 Hint: Jagdhar distracted by love for Subhagi

प्रश्न 10: अमेरिका की खाऊ-उजाड़ू जीवन पद्धति ने दुनिया को कैसे प्रभावित किया है? पठित पाठ के आधार पर लिखिए। [2]

✍️ उत्तर:

अमेरिका की खाऊ-उजाड़ू जीवन पद्धति ने दुनिया को अत्यधिक उपभोक्तावाद, संसाधनों के अंधाधुंध दोहन और पर्यावरण विनाश की ओर धकेला है। इस जीवनशैली ने वैश्विक स्तर पर असंतुलन, प्रदूषण और संसाधनों की कमी की समस्या उत्पन्न की है।

💡 Hint: Consumerism and environmental destruction

प्रश्न 11: "प्रतीप" अलंकार को उदाहरण सहित समझाइए। [2]

✍️ उत्तर:

प्रतीप अलंकार में उपमेय और उपमान का स्थान बदल जाता है। जो वस्तु उपमेय है वह उपमान बन जाती है और उपमान उपमेय। उदाहरण: "राम के समान हनुमान बलवान हैं।" यहाँ राम (जो श्रेष्ठ हैं) को हनुमान की तुलना में रखा गया है। सामान्यतः हनुमान को राम के समान कहा जाता है, यहाँ विपरीत है।

💡 Hint: Prateep - reversal of comparison

प्रश्न 12: कविता में बिम्ब और छंद किस प्रकार सहायक होते हैं? [2]

✍️ उत्तर:

कविता में बिम्ब शब्द-चित्रों के माध्यम से भावों को मूर्त रूप देते हैं और पाठक के मन में स्पष्ट चित्र उभारते हैं। छंद कविता को लय, संगीतात्मकता और सुंदरता प्रदान करते हैं। दोनों मिलकर कविता को प्रभावशाली, आकर्षक और स्मरणीय बनाते हैं।

💡 Hint: Bimb (imagery) + Chhand (meter) enhance poetry

प्रश्न 13: समाचार लेखन में मुखड़े (इंट्रो) को समझाइए। [2]

✍️ उत्तर:

मुखड़ा या इंट्रो समाचार का पहला और सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद होता है। यह 20-25 शब्दों में समाचार का सार प्रस्तुत करता है। इसमें 5W1H (क्या, कब, कहाँ, क्यों, कैसे, कौन) के प्रमुख तत्व होते हैं। यह पाठक को समाचार पढ़ने के लिए आकर्षित करता है।

💡 Hint: Intro - first paragraph with 5W1H

प्रश्न 14: विशेष लेखन के क्षेत्र में खेल पत्रकारिता की विशेषताएँ लिखिए। [2]

✍️ उत्तर:

खेल पत्रकारिता की विशेषताएँ: (1) खेल के तकनीकी पक्ष का ज्ञान आवश्यक, (2) रोमांचक और जीवंत भाषा शैली, (3) खिलाड़ियों के प्रदर्शन का विश्लेषण, (4) आंकड़ों का सटीक प्रयोग, (5) निष्पक्ष रिपोर्टिंग। यह पाठकों को मैदान की अनुभूति कराती है।

💡 Hint: Technical knowledge, statistics, analysis

प्रश्न 15: "भीष्म साहनी" का साहित्यिक परिचय लिखिए। [2]

✍️ उत्तर:

भीष्म साहनी (1915-2003) हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार, नाटककार और अनुवादक थे। उनका उपन्यास "तमस" विभाजन की त्रासदी पर आधारित सर्वश्रेष्ठ कृति है। प्रमुख रचनाएँ: "झरोखे", "वाङ्चू", "माधवी", "कुंतो", "हानूश" (नाटक)। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

💡 Hint: Novelist, "Tamas", Partition theme

प्रश्न 16: "रघुवीर सहाय" का साहित्यिक परिचय लिखिए। [2]

✍️ उत्तर:

रघुवीर सहाय (1929-1990) नई कविता आंदोलन के प्रमुख कवि और पत्रकार थे। उनकी कविता में आम आदमी की पीड़ा, सामाजिक यथार्थ और राजनीतिक विडंबनाओं का चित्रण है। प्रमुख रचनाएँ: "सीढ़ियों पर धूप में", "आत्महत्या के विरुद्ध", "हँसो हँसो जल्दी हँसो"। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।

💡 Hint: Nayi Kavita, common man's issues

खंड - स (10 अंक)

निर्देश - निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए।

प्रश्न 17: विरहिणी नायिका पर "बारहमासों" का प्रभाव किस प्रकार होता है? लिखिए। [3]

✍️ उत्तर:

बारहमासा में बारह महीनों के प्राकृतिक परिवर्तन को विरहिणी नायिका के विरह से जोड़ा जाता है। प्रत्येक मास की विशेषताएँ उसके विरह को तीव्र करती हैं। वर्षा ऋतु में काले बादल, वसंत में कोयल की कूक, ग्रीष्म की तपिश - सभी उसकी पीड़ा बढ़ाते हैं। प्रिय के बिना प्रकृति का सौंदर्य भी उसे कष्ट देता है। यह काव्य परंपरा विरह वेदना को अत्यंत मार्मिक ढंग से प्रस्तुत करती है।

💡 Hint: Twelve months intensify separation pain

अथवा

"देवसेना का गीत" कविता की मूल संवेदना लिखिए।

✍️ उत्तर:

"देवसेना का गीत" जयशंकर प्रसाद के नाटक "स्कंदगुप्त" से लिया गया है। इसमें देवसेना अपने पति स्कंदगुप्त की प्रतीक्षा करते हुए रात्रि के सौंदर्य का वर्णन करती है। कविता में प्रेम, विरह की पीड़ा और आशा का सुंदर समन्वय है। देवसेना की वेदना में भी धैर्य और आत्मविश्वास झलकता है। यह छायावादी काव्य की उत्कृष्ट रचना है।

💡 Hint: Devsena's waiting, love-separation

प्रश्न 18: "साझा" कहानी वर्तमान समय में किस वर्ग की स्थिति को स्पष्ट करती है? [3]

✍️ उत्तर:

"साझा" कहानी वर्तमान समय में मध्यम वर्ग और कामकाजी महिलाओं की स्थिति को स्पष्ट करती है। यह दिखाती है कि कैसे आधुनिक महिलाएँ घर और कार्यालय दोनों की जिम्मेदारियाँ संभालती हैं लेकिन उन्हें समाज में अभी भी पूर्ण सम्मान नहीं मिलता। कहानी पारिवारिक संबंधों में आती दरारों, आर्थिक दबावों और भावनात्मक संघर्षों को उजागर करती है।

💡 Hint: Middle class, working women struggles

अथवा

"दूसरा देवदास" कहानी युवामन की संवेदना, भावना और विचार जगत की उथल-पुथल को आकर्षक भाषा शैली में प्रस्तुत करती है। कथन को स्पष्ट कीजिए।

✍️ उत्तर:

"दूसरा देवदास" कहानी आधुनिक युवा मन की जटिलताओं, भावनात्मक द्वंद्वों और सामाजिक दबावों को रेखांकित करती है। नायक अपने प्रेम, महत्वाकांक्षाओं और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच फँसा हुआ है। लेखक ने व्यंग्यात्मक और मनोवैज्ञानिक शैली में युवा पीढ़ी की मानसिकता को प्रस्तुत किया है। कहानी दिखाती है कि आधुनिक युवा पुराने देवदास से अलग हैं - वे अधिक व्यावहारिक लेकिन समान रूप से भ्रमित हैं।

💡 Hint: Modern youth, emotional conflicts

प्रश्न 19: सूरदास जगधर से अपनी आर्थिक हानि गुप्त क्यों रखना चाहता था? [4]

✍️ उत्तर:

सूरदास जगधर से अपनी आर्थिक हानि इसलिए गुप्त रखना चाहता था क्योंकि वह नहीं चाहता था कि जगधर उस पर एहसान का बोझ महसूस करे या उसके प्रति दया का भाव रखे। सूरदास में आत्मसम्मान की भावना थी। वह अपनी गरीबी को कमजोरी नहीं मानता था। साथ ही, वह जगधर और सुभागी के बीच संबंध में बाधा नहीं बनना चाहता था। उसकी यह सोच उसके उदात्त चरित्र और त्याग की भावना को दर्शाती है।

💡 Hint: Self-respect, no burden of obligation

अथवा

"मालवा में विक्रमादित्य और भोज और मुंज रिनेसां के बहुत पहले हो गए।" कैसे स्पष्ट कीजिए?

✍️ उत्तर:

मालवा में विक्रमादित्य, भोज और मुंज जैसे महान शासकों ने यूरोप के पुनर्जागरण (रिनेसां) से सदियों पहले ही कला, साहित्य, विज्ञान और संस्कृति का विकास किया था। इन राजाओं के दरबार में कालिदास, भारवि जैसे महान साहित्यकार थे। धार और माण्डू जैसे नगर सांस्कृतिक केंद्र थे। मालवा में शिक्षा, वास्तुकला, संगीत और कला का स्वर्णयुग था जो यूरोप के पुनर्जागरण से बहुत पुराना है।

💡 Hint: Cultural renaissance before European Renaissance

खंड - द (16 अंक)

प्रश्न 20: निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। [5]

Option A: गद्यांश

दुरंत जीवन-शक्ति है। कठिन उपदेश है। जीना भी एक कला है। लेकिन कला ही नहीं, तपस्या है। जियो तो प्राण ढाल दो जिंदगी में, मन ढाल दो जीवनरस के उपकरणों में। ठीक है। लेकिन क्यों? क्या जीने के लिए जीना ही बड़ी बात है? सारा संसार अपने मतलब के लिए ही तो जी रहा है। यज्ञवल्क्य बहुत बड़े ब्रह्मवादी ऋषि थे। उन्होंने अपनी पत्नी को विचित्र भाव से समझाने की कोशिश की कि सब कुछ स्वार्थ के लिए है। पुत्र के लिए पुत्र प्रिय नहीं होता, पत्नी के लिए पत्नी प्रिया नहीं होती सब अपने मतलब के लिए प्रिय होते हैं - "आत्मनस्तु कामाय सर्वं प्रियं भवति।"

✍️ उत्तर:

प्रसंग: यह गद्यांश "जीवन एक कला है" पाठ से लिया गया है। लेखक ने जीवन की जटिलताओं और स्वार्थ की भूमिका पर विचार किया है।

व्याख्या: लेखक कहते हैं कि जीना एक बड़ी शक्ति और कठिन साधना है। जीवन सिर्फ कला नहीं बल्कि तपस्या है। जीने के लिए पूरी तरह समर्पित होना पड़ता है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या सिर्फ जीने के लिए जीना ही महत्वपूर्ण है? महान ऋषि यज्ञवल्क्य ने अपनी पत्नी मैत्रेयी को समझाया था कि संसार में सभी अपने-अपने स्वार्थ के लिए जीते हैं। पुत्र, पत्नी या कोई भी व्यक्ति अपने लिए ही प्रिय होता है। यह जीवन का कठोर यथार्थ है कि हर प्राणी अपने हित में ही सोचता है।

विशेष: भाषा सरल और विचारात्मक है। यज्ञवल्क्य के उदाहरण से दार्शनिकता आई है।

💡 Hint: Life as art-tapasya, Yajnavalkya's philosophy of self-interest

अथवा

Option B: गद्यांश

एक भरे-पूरे ग्रामीण अंचल को कितनी नासमझी और निर्ममता से उजाड़ा जा सकता है, सिंगरौली इसका ज्वलंत उदाहरण है। अगर यह इलाका उजाड़ रेगिस्तान होता तो शायद इतना क्षोभ नहीं होता; किंतु सिंगरौली की भूमि इतनी उर्वरा और जंगल इतने समृद्ध हैं कि उनके सहारे शताब्दियों से हजारों वनवासी और किसान अपना भरण-पोषण करते आए हैं। 1926 से पूर्व यहाँ खैरवार जाति के आदिवासी राजा शासन करते थे, किंतु बाद में सिंगरौली का आधा हिस्सा जिसमें उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के खंड शामिल थे, रीवा राज्य के भीतर शामिल कर लिया गया।

✍️ उत्तर:

प्रसंग: यह गद्यांश "अपना मालवा खाऊँ-उजाड़ूँ सभ्यता में" पाठ से लिया गया है जो विकास के नाम पर पर्यावरण विनाश को दर्शाता है।

व्याख्या: लेखक कहते हैं कि सिंगरौली इस बात का जीवंत उदाहरण है कि कैसे एक समृद्ध और उर्वर क्षेत्र को अंधाधुंध विकास के नाम पर नष्ट किया जा सकता है। यह क्षेत्र उपजाऊ भूमि और घने जंगलों से भरपूर था। यहाँ सदियों से हजारों आदिवासी और किसान निर्भर थे। पहले यहाँ खैरवार जनजाति के राजा शासन करते थे। बाद में इस क्षेत्र को रीवा राज्य में मिला दिया गया। लेकिन आधुनिक विकास योजनाओं ने इस प्राकृतिक संपदा को बेरहमी से बर्बाद कर दिया।

विशेष: पर्यावरण विनाश और विस्थापन की समस्या पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है।

💡 Hint: Singrauli destruction, environmental damage

प्रश्न 21: निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। [5]

Option A: पद्यांश (तुलसीदास)

पुलकि सरीर सभाँ भए ठाढे। नीरज नयन नेह जल बाढे।।

कहब मोर मुनिनाथ निबाहा। एहि तें अधिक कहौं मैं काहा।।

मैं जानउँ निज नाथ सुभाऊ। अपराधिहु पर कोह न काऊ।।

मो पर क्रीपा सनेहु बिसेषी। खेलत खुनिस न कबहुँ देखी।।

सिसुपन तें परिहरेउँ न संगू। कबहुँ न कीन्ह मोर मन भंगू।।

मैं प्रभु क्रीपा रीति जियँ जोही। हरि हाँसू खेलत जितावहिं मोही।।

✍️ उत्तर:

प्रसंग: यह पद्यांश तुलसीदास कृत "रामचरितमानस" से लिया गया है। यहाँ भरत अपने प्रभु राम के प्रति अपने प्रेम और विश्वास की अभिव्यक्ति कर रहे हैं।

व्याख्या: भरत कहते हैं कि मुनियों की सभा में सभी रोमांचित होकर खड़े हो गए। सबकी आँखें प्रेमाश्रु से भर गईं। भरत कहते हैं कि मुनिनाथ, मेरे वचन को पूरा करने के लिए मैं और क्या कहूँ? मैं अपने स्वामी राम के स्वभाव को जानता हूँ कि वे अपराधी पर भी क्रोध नहीं करते। मुझ पर तो उनकी विशेष कृपा और स्नेह है। खेलते समय भी उन्होंने कभी खुन्नस (नाराजगी) नहीं दिखाई। बचपन से ही मैंने उनका साथ कभी नहीं छोड़ा और उन्होंने कभी मेरा मन नहीं दुखाया। मैं उनकी कृपा की रीति को हृदय से जानता हूँ। प्रभु हँसकर खेलते हुए भी मुझे जीतने देते थे।

विशेष: भरत-राम के प्रेम का मार्मिक चित्रण। अवधी भाषा, दोहा-चौपाई छंद।

💡 Hint: Bharat's love for Ram, childhood memories

अथवा

Option B: पद्यांश (जयशंकर प्रसाद)

यह मधु है - स्वयं काल की मौना का युग-संचय,

यह गोरस-जीवन-कामधेनु का अमृत-पूत पय

यह अंकुर-फोड़ धरा को रवि को तकता निर्भय

यह प्रकृति स्वयंभू, ब्रह्म, अयुत… इसको भी शक्ति को दे दो

यह दीप, अकेला, स्नेह भरा

है गर्व भरा मदमाता, पर इसको भी पंक्ति को दे दो।

✍️ उत्तर:

प्रसंग: यह पद्यांश जयशंकर प्रसाद की कविता "अशोक की चिंता" से लिया गया है। कवि ने मनुष्य के अहंकार को शक्ति देने की बात की है।

व्याख्या: कवि कहते हैं कि यह मधु (मनुष्य) स्वयं समय की मौन साधना का युगों का संचय है। यह कामधेनु के अमृतमय दूध के समान जीवनदायी है। यह अंकुर (नन्हा पौधा) धरती को फोड़कर निर्भय होकर सूर्य को देखता है। यह प्रकृति स्वयंभू, ब्रह्म और असंख्य शक्तियों से युक्त है - इसे भी शक्ति (विनम्रता) दे दो। यह दीप अकेला है, स्नेह से भरा है लेकिन गर्व और मद से मदमाता (मतवाला) है - इसे भी पंक्ति (समूह/सामाजिकता) में लाओ। कवि का संदेश है कि व्यक्ति चाहे कितना भी शक्तिशाली हो, उसे विनम्रता और सामाजिक सामंजस्य की आवश्यकता होती है।

विशेष: छायावादी काव्य। प्रतीकात्मकता, लाक्षणिकता। मुक्त छंद।

💡 Hint: Give power humility, lone lamp needs group

प्रश्न 22: निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 400 शब्दों में निबंध लिखिए। [6]

अ) भगवान राम भारतीय जीवनादर्श

✍️ निबंध रूपरेखा:

प्रस्तावना: राम भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष - मर्यादा पुरुषोत्तम

राम के गुण: सत्य, धर्म, न्याय, त्याग, वचनबद्धता, भाई-प्रेम

आदर्श पुत्र: पिता की आज्ञा का पालन - 14 वर्ष वनवास

आदर्श भ्राता: भरत के साथ प्रेम, लक्ष्मण का साथ

आदर्श पति: एक पत्नीव्रत, सीता के प्रति समर्पण

आदर्श शासक: प्रजा हित सर्वोपरि - रामराज्य की कल्पना

वर्तमान प्रासंगिकता: आज भी राम के आदर्श प्रेरणादायक

उपसंहार: राम संपूर्ण मानव जीवन के प्रेरणास्रोत

💡 Hint: Ideal son, brother, husband, king - Maryada Purushottam

ब) हमारा स्वास्थ्य और भोजन

✍️ निबंध रूपरेखा:

प्रस्तावना: स्वास्थ्य ही जीवन की पूंजी - "स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क"

भोजन का महत्व: शरीर को ऊर्जा - संतुलित आहार आवश्यक

पोषक तत्व: प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज

फास्ट फूड की समस्या: मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह

परंपरागत भोजन: दाल-रोटी, हरी सब्जी, फल - संतुलित आहार

जल का महत्व: दिन में 8-10 गिलास पानी

व्यायाम: भोजन के साथ नियमित व्यायाम जरूरी

उपसंहार: स्वस्थ भोजन से स्वस्थ जीवन

💡 Hint: Balanced diet, nutrients, avoid junk food, water, exercise

स) राजस्थान के पर्यटन स्थल

✍️ निबंध रूपरेखा:

प्रस्तावना: राजस्थान - रंगीला प्रदेश, पर्यटन का स्वर्ग

ऐतिहासिक नगर: जयपुर (गुलाबी नगर), जोधपुर (सूर्य नगरी), उदयपुर (झीलों का शहर)

किले और महल: आमेर किला, मेहरानगढ़, जैसलमेर किला, सिटी पैलेस

धार्मिक स्थल: पुष्कर, अजमेर शरीफ, दिलवाड़ा मंदिर, करणी माता मंदिर

प्राकृतिक सौंदर्य: थार मरुस्थल, माउंट आबू, सांभर झील

कला-संस्कृति: लोक नृत्य, लोक संगीत, हस्तकला

पर्यटन का महत्व: आर्थिक विकास, रोजगार सृजन

उपसंहार: राजस्थान विश्व पर्यटन का प्रमुख केंद्र

💡 Hint: Forts, palaces, lakes, desert, culture, handicrafts

द) मेरा प्रिय कवि सूरदास

✍️ निबंध रूपरेखा:

प्रस्तावना: सूरदास - भक्तिकाल के महान कवि

जीवन परिचय: जन्म 1478 (लगभग), जन्मांध, वल्लभाचार्य के शिष्य

प्रमुख रचनाएँ: सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी

कृष्ण भक्ति: कृष्ण के बाल रूप का अद्भुत चित्रण

वात्सल्य रस: यशोदा-कृष्ण का स्नेह - वात्सल्य के सम्राट

भ्रमरगीत: गोपियों का विरह वर्णन

भाषा शैली: ब्रजभाषा के सिद्धहस्त कवि - सरल, मधुर, भावपूर्ण

प्रिय होने का कारण: सरल भाषा, भावुकता, कृष्ण-लीला का मनोहर चित्रण

उपसंहार: सूरदास हिंदी साहित्य के आदि कवि

💡 Hint: Bhakti poet, Vatsalya Rasa, Krishna Leela, Braj Bhasha

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राजस्थान बोर्ड का आधिकारिक प्रश्न पत्र

📌 नोट: इस दस्तावेज़ में सभी 22 प्रश्नों के पूर्ण उत्तर हिन्दी में और सहायक संकेत अंग्रेजी में दिए गए हैं। आधिकारिक सत्यापन के लिए कृपया ऊपर दिए गए मूल PDF लिंक का संदर्भ लें।

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