संसद की द्विसदनीय संरचना और कार्यप्रणाली | Indian Parliament Structure for UPSC
🏛️ संसद - द्विसदनीय विधायिका की संरचना और कार्यप्रणाली
UPSC राजव्यवस्था एवं शासन - लेख 6
📚 विषय सूची
🌟 संसद का परिचय
🏗️ संसद की संरचना
| सदन | अधिकतम सदस्य | वर्तमान सदस्य | कार्यकाल |
|---|---|---|---|
| लोकसभा | 552 (530+20+2) | 543 | 5 वर्ष |
| राज्यसभा | 250 (238+12) | 245 | 6 वर्ष (1/3 सदस्य हर 2 वर्ष) |
🗳️ लोकसभा - जनता का सदन
संरचना और चुनाव
लोकसभा की मुख्य विशेषताएं
- कुल सदस्य: 543 (राज्यों से 530, केंद्र शासित प्रदेशों से 13)
- चुनाव: प्रत्यक्ष चुनाव, गुप्त मतदान
- मतदान प्रणाली: साधारण बहुमत (FPTP)
- आरक्षण: SC के लिए 84, ST के लिए 47 सीटें
- अध्यक्ष: सदस्यों द्वारा चुना जाता है
सदस्यता की योग्यताएं
- भारत का नागरिक हो
- 25 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो
- मानसिक रूप से स्वस्थ हो
- दिवालिया न हो
- सरकारी लाभ के पद पर न हो
- दो वर्ष से अधिक कारावास
- भ्रष्टाचार का दोषी
- चुनावी अपराध
- दल-बदल (10वीं अनुसूची)
- विदेशी नागरिकता
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
🏛️ राज्यसभा - राज्यों की परिषद
संरचना और चुनाव
राज्यसभा की विशेषताएं
- कुल सदस्य: 245 (राज्यों से 233, केंद्र शासित प्रदेशों से 4, मनोनीत 12)
- चुनाव: अप्रत्यक्ष चुनाव (विधानसभा सदस्यों द्वारा)
- मतदान प्रणाली: आनुपातिक प्रतिनिधित्व (STV)
- कार्यकाल: 6 वर्ष (स्थायी सदन)
- सभापति: उप-राष्ट्रपति (पदेन)
मनोनीत सदस्य
राज्यसभा की विशेष शक्तियां
केवल राज्यसभा की शक्तियां
- अनुच्छेद 249: राष्ट्रीय हित में राज्य सूची पर कानून बनाने की शक्ति
- अनुच्छेद 312: नई अखिल भारतीय सेवा का सृजन
- उप-राष्ट्रपति का चुनाव: राज्यसभा और लोकसभा दोनों मिलकर
- राष्ट्रपति पर महाभियोग: दोनों सदनों की आवश्यकता
⚖️ लोकसभा-राज्यसभा तुलना
| आधार | लोकसभा | राज्यसभा |
|---|---|---|
| प्रकृति | निचला सदन, अस्थायी | ऊपरी सदन, स्थायी |
| प्रतिनिधित्व | जनता का | राज्यों का |
| चुनाव | प्रत्यक्ष | अप्रत्यक्ष |
| धन विधेयक | विशेष शक्ति | केवल सिफारिशें |
| अविश्वास प्रस्ताव | हां | नहीं |
| विघटन | हो सकता है | नहीं हो सकता |
⚡ संसद की शक्तियां
- कानून निर्माण
- संविधान संशोधन
- विधेयकों पर बहस
- संघ सूची पर विशेष अधिकार
- बजट पारित करना
- कर लगाने की शक्ति
- वित्तीय विधेयकों पर नियंत्रण
- सरकारी खर्च की जांच
- अविश्वास प्रस्ताव
- प्रश्नकाल
- संसदीय समितियां
- मंत्रियों की जवाबदेही
- राष्ट्रपति पर महाभियोग
- न्यायाधीशों का हटाना
- संसदीय विशेषाधिकार
- सदस्यों का अयोग्यीकरण
📋 विधेयकों के प्रकार
| विधेयक का प्रकार | परिभाषा | विशेष बातें |
|---|---|---|
| साधारण विधेयक | सामान्य विषयों पर कानून | किसी भी सदन में पेश हो सकता है |
| धन विधेयक | कराधान और सरकारी व्यय | केवल लोकसभा में पेश, अनुच्छेद 110 |
| वित्त विधेयक | वित्तीय मामले (धन विधेयक से व्यापक) | दो प्रकार - 117(1) और 117(3) |
| संविधान संशोधन विधेयक | संविधान में बदलाव | अनुच्छेद 368, विशेष बहुमत |
🔄 संसदीय प्रक्रिया
विधेयक की पारित प्रक्रिया
संसदीय उपकरण
संसदीय नियंत्रण के साधन
- प्रश्नकाल: तारांकित, अतारांकित और अल्प सूचना प्रश्न
- शून्यकाल: तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामले
- स्थगन प्रस्ताव: तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामले पर बहस
- ध्यानाकर्षण प्रस्ताव: मंत्री का ध्यान आकर्षित करना
- निंदा प्रस्ताव: सरकार की नीति की आलोचना
🔄 दल-बदल निरोधक कानून
दल-बदल की परिस्थितियां
सदस्य अयोग्य घोषित हो सकता है यदि:
- स्वेच्छा से दल छोड़ना: अपने राजनीतिक दल की सदस्यता त्यागना
- व्हिप का उल्लंघन: दल के निर्देश के विपरीत मतदान
- मनोनीत सदस्य: 6 महीने बाद किसी दल में शामिल होना
- निर्दलीय सदस्य: चुनाव के बाद किसी दल में शामिल होना
📝 अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1: लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या कितनी है?
प्रश्न 2: राज्यसभा में कितने सदस्य मनोनीत किए जाते हैं?
प्रश्न 3: धन विधेयक की पहचान कौन करता है?
प्रश्न 4: दल-बदल निरोधक कानून किस संविधान संशोधन से जोड़ा गया?
प्रश्न 5: राज्यसभा का पदेन सभापति कौन होता है?
मुख्य परीक्षा प्रश्न 1: भारतीय संसद में द्विसदनीय व्यवस्था की आवश्यकता और महत्व का विश्लेषण करें। (250 शब्द)
मुख्य परीक्षा प्रश्न 2: दल-बदल निरोधक कानून की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करें। क्या यह लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुकूल है? (250 शब्द)
🎯 मुख्य बिंदु
- संसद में राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा शामिल हैं
- लोकसभा जनता का प्रतिनिधित्व करती है, राज्यसभा राज्यों का
- धन विधेयक केवल लोकसभा में पेश हो सकते हैं
- दल-बदल निरोधक कानून राजनीतिक स्थिरता के लिए आवश्यक है
- संसदीय समितियां विधायी कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं
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