राष्ट्रपति और केंद्रीय कार्यपालिका की संरचना | UPSC राजव्यवस्था गाइड

| जुलाई 16, 2025
राष्ट्रपति और केंद्रीय कार्यपालिका की संरचना | UPSC राजव्यवस्था

🏛️ राष्ट्रपति और केंद्रीय कार्यपालिका की संरचना

UPSC राजव्यवस्था एवं शासन - लेख 5

लेखक: UPSC टीम | प्रकाशन: जुलाई 2025 | समय: 25-30 मिनट

🌟 प्रस्तावना

भारत में संसदीय शासन प्रणाली है जिसमें राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख है और प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यकारी शक्ति का केंद्र है। केंद्रीय कार्यपालिका में राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद शामिल हैं।
महत्वपूर्ण: भारत में राष्ट्रपति नाममात्र का कार्यकारी है जबकि प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यकारी शक्ति का प्रयोग करता है। यह ब्रिटिश मॉडल पर आधारित है।

👑 राष्ट्रपति का पद

संवैधानिक स्थिति

52 अनुच्छेद 52: भारत का एक राष्ट्रपति होगा।
53 अनुच्छेद 53: संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी और वह इसका प्रयोग संविधान के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा करेगा।

राष्ट्रपति बनने की योग्यताएं

अनुच्छेद 58 के अनुसार योग्यताएं

  • भारत का नागरिक हो
  • 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो
  • लोकसभा सदस्य बनने की योग्यता रखता हो
  • भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन लाभ का पद धारण न करे
  • राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यपाल का पद लाभ का पद नहीं माना जाता
विशेष बात: राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष है, परंतु वह अपना त्यागपत्र उप-राष्ट्रपति को दे सकता है और संसद द्वारा महाभियोग चलाकर हटाया जा सकता है।

🗳️ राष्ट्रपति का चुनाव

राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से एक निर्वाचक मंडल द्वारा होता है। यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।

निर्वाचक मंडल

सदस्य संख्या मत का मूल्य
लोकसभा सदस्य 543 708 (प्रत्येक)
राज्यसभा सदस्य 245 708 (प्रत्येक)
विधानसभा सदस्य 4120 (लगभग) राज्य के अनुसार अलग
कुल मत - 10,98,882

मत मूल्य की गणना

विधानसभा सदस्य के मत का मूल्य = राज्य की जनसंख्या / (विधानसभा सदस्यों की संख्या × 1000)
संसद सदस्य के मत का मूल्य = सभी विधानसभा सदस्यों के मत का कुल मूल्य / संसद सदस्यों की कुल संख्या
चुनाव प्रक्रिया: गुप्त मतदान, वरीयता क्रम में मतदान, पहली गिनती में 50% + 1 मत नहीं मिलने पर दूसरी वरीयता की गिनती।

⚡ राष्ट्रपति की शक्तियां

🏛️ कार्यकारी शक्तियां
  • प्रधानमंत्री की नियुक्ति
  • मंत्रिपरिषद की नियुक्ति
  • राज्यपालों की नियुक्ति
  • सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति
  • महान्यायवादी की नियुक्ति
  • नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की नियुक्ति
📜 विधायी शक्तियां
  • संसद का अधिवेशन बुलाना
  • संसद का सत्रावसान
  • लोकसभा का विघटन
  • संसद में अभिभाषण
  • विधेयकों पर स्वीकृति
  • अध्यादेश जारी करना
⚖️ न्यायिक शक्तियां
  • दया याचिका पर निर्णय
  • मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदलना
  • सजा में कमी या माफी
  • न्यायाधीशों की नियुक्ति
  • सुप्रीम कोर्ट से सलाह मांगना
🚨 आपातकालीन शक्तियां
  • राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)
  • राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356)
  • वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)
  • मूल अधिकारों का निलंबन

राष्ट्रपति की विवेकाधीन शक्तियां

स्थितियां जहां राष्ट्रपति अपने विवेक का प्रयोग कर सकता है

  • प्रधानमंत्री की नियुक्ति: जब किसी दल को स्पष्ट बहुमत न हो
  • लोकसभा का विघटन: प्रधानमंत्री की सलाह के बावजूद
  • अध्यादेश पर हस्ताक्षर: संवैधानिक आधार पर इनकार
  • मंत्रिपरिषद वापसी: जानकारी मांगना
  • विधेयक पर हस्ताक्षर: संविधान विरोधी होने पर
पॉकेट वीटो: राष्ट्रपति किसी विधेयक को अनिश्चित काल तक अपने पास रख सकता है। यह शक्ति केवल गैर-धन विधेयकों के लिए है।

🎯 प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद

प्रधानमंत्री की स्थिति

प्रधानमंत्री भारतीय शासन व्यवस्था का वास्तविक प्रमुख है। राष्ट्रपति उसकी सलाह पर कार्य करता है। प्रधानमंत्री लोकसभा का नेता होता है और उसे सदन का विश्वास प्राप्त होना चाहिए।
पहलू राष्ट्रपति प्रधानमंत्री
स्थिति संवैधानिक प्रमुख वास्तविक कार्यकारी प्रमुख
चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव प्रत्यक्ष चुनाव (लोकसभा सदस्य के रूप में)
कार्यकाल 5 वर्ष निश्चित लोकसभा के विश्वास तक
शक्ति नाममात्र वास्तविक
जवाबदेही संविधान के प्रति संसद के प्रति

मंत्रिपरिषद की संरचना

मंत्रिपरिषद के तीन स्तर

  • कैबिनेट मंत्री: सबसे वरिष्ठ, कैबिनेट बैठक में भाग लेते हैं
  • राज्य मंत्री: स्वतंत्र प्रभार या अधीनस्थ मंत्री
  • उप मंत्री: सबसे जूनियर स्तर
सामूहिक जिम्मेदारी: संपूर्ण मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से जिम्मेदार है। अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर पूरी मंत्रिपरिषद को त्यागपत्र देना पड़ता है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO)

PMO प्रधानमंत्री का व्यक्तिगत सचिवालय है जो नीति निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान सचिव और संयुक्त सचिव शामिल हैं।

🚨 आपातकालीन प्रावधान

तीन प्रकार के आपातकाल
भारतीय संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल का प्रावधान है जो राष्ट्रपति द्वारा घोषित किए जा सकते हैं।
आपातकाल अनुच्छेद कारण अवधि
राष्ट्रीय आपातकाल 352 युद्ध, बाहरी आक्रमण, सशस्त्र विद्रोह 6 महीने (संसदीय अनुमोदन के साथ)
राष्ट्रपति शासन 356 राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता 6 महीने (अधिकतम 3 वर्ष)
वित्तीय आपातकाल 360 भारत की वित्तीय स्थिरता को खतरा 2 महीने (संसदीय अनुमोदन के साथ)

अनुच्छेद 356 - राष्ट्रपति शासन

यह सबसे विवादास्पद प्रावधान है जिसका कई बार दुरुपयोग हुआ है। एस.आर. बोम्मई केस (1994) के बाद इसके दुरुपयोग पर रोक लगी है।
बोम्मई केस के दिशा-निर्देश: राष्ट्रपति शासन लगाने से पहले चेतावनी देना, विधानसभा का विघटन न करना, न्यायिक समीक्षा की अनुमति।
1975-77
इंदिरा गांधी द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल - भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय
1994
बोम्मई केस - राष्ट्रपति शासन के दुरुपयोग पर रोक
2020
COVID-19 के दौरान वित्तीय आपातकाल की चर्चा

🥈 उप-राष्ट्रपति

उप-राष्ट्रपति भारत का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है और राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उसके कार्यों का निष्पादन करता है।

उप-राष्ट्रपति की विशेषताएं

  • चुनाव: संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा
  • कार्यकाल: 5 वर्ष
  • योग्यता: राज्यसभा सदस्य बनने की योग्यता
  • मुख्य कार्य: राज्यसभा का सभापति
  • वेतन: राज्यसभा सभापति के रूप में

⚖️ महान्यायवादी

76 अनुच्छेद 76: राष्ट्रपति भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति करेगा जो सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त होने की योग्यता रखता हो।

महान्यायवादी के कार्य

  • भारत सरकार को कानूनी सलाह देना
  • सरकार की ओर से न्यायालयों में पैरवी करना
  • संसद की कार्यवाही में भाग लेना (बिना मत के)
  • राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए अन्य कानूनी कार्य
विशेष अधिकार: महान्यायवादी को संसद के दोनों सदनों और उनकी समितियों की बैठकों में भाग लेने का अधिकार है, परंतु मतदान का अधिकार नहीं है।

📝 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1: राष्ट्रपति बनने के लिए न्यूनतम आयु कितनी है?

प्रश्न 2: राष्ट्रपति के चुनाव में कुल कितने मत होते हैं?

प्रश्न 3: किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है?

प्रश्न 4: मंत्रिपरिषद के कितने स्तर हैं?

प्रश्न 5: उप-राष्ट्रपति किसका पदेन सभापति होता है?

प्रश्न 6: महान्यायवादी की नियुक्ति कौन करता है?

मुख्य परीक्षा प्रश्न 1: "भारत में राष्ट्रपति नाममात्र का प्रमुख है जबकि प्रधानमंत्री वास्तविक शक्ति का केंद्र है।" इस कथन की व्याख्या करें। (250 शब्द)

मुख्य परीक्षा प्रश्न 2: राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) के दुरुपयोग की समस्या और बोम्मई केस के बाद के सुधारों का विश्लेषण करें। (250 शब्द)

🎯 मुख्य बिंदु

  • राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख है, प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यकारी शक्ति का केंद्र
  • राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व से निर्वाचक मंडल द्वारा होता है
  • तीन प्रकार के आपातकाल - राष्ट्रीय, राष्ट्रपति शासन, वित्तीय
  • मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक जिम्मेदारी रखती है
  • उप-राष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है

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